IIT Mandi ने तैयार किया नवजात सिन्क्यूबेटर, स्टैनफोर्ड बायोडिजाइन इनोवेटर्स गैराज कार्यक्रम के लिए हुआ चयन

Tuesday, Feb 13, 2024 - 10:26 PM (IST)

मंडी (रजनीश हिमालयन): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्त्ताओं ने एक बहुक्रियाशील नवजात सिन्क्यूबेटर डिजाइन किया है, जिससे नवजात शिशुओं के परिवहन और देखभाल प्रदान करने में आने वाली चुनौतियों का समाधान होगा। पारंपरिक इनक्यूबेटरों के विपरीत यह उपकरण एक स्टैंडअलोन वार्मर और एक इनक्यूबेटर दोनों के रूप में काम करता है। आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग के असिस्टैंट प्रोफैसर डाॅ. गजेंद्र सिंह, एसोसिएट प्रोफैसर डाॅ. सत्वशील व रमेश पोवार और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बीटैक तृतीय वर्ष के केशव वर्मा ने नवजात सिन्क्यूबेटर विकसित किया है। इस सिंक्यूबेटर को प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड बायोडिजाइन इनोवेटर्स गैराज कार्यक्रम के लिए चुना गया है।

स्वास्थ्य देखभाल परिणामों को बेहतर बनाने में भूमिका निभाएगा सिन्क्यूबेटर 
भारत उच्च नवजात मृत्यु दर और बड़ी संख्या में समय से पहले जन्म लेने की समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में सिन्क्यूबेटर स्वास्थ्य देखभाल परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भविष्य में आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस और मशीन लर्निंग तकनीकों का लाभ उठाकर कोर डिजाइन टीम का लक्ष्य सिन्क्यूबेटर की क्षमताओं को और बढ़ाना है।

सिन्क्यूबेटर की यह है विशेषता
यह सिन्क्यूबेटर मजबूत एल्यूमीनियम फ्रेम उच्च पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करता है, जिससे सामान्य 4-पहिया वाहनों का उपयोग करके परिवहन की अनुमति मिलती है। इसके अलावा तापमान को 35 से 38 डिग्री सैल्सियस के बीच बनाए रखता है और सापेक्षिक आर्द्रता 50 से 70 प्रतिशत के बीच बनाए रखता है।

निरंतर वीडियो से कर सकेंगे निगरानी
सिन्क्यूबेटर अत्याधुनिक डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों के साथ अपने सहज एकीकरण के माध्यम से खुद को अनूठा बनाता है। इसके अलावा उपयोगकर्त्ता को मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके तापमान, आर्द्रता और ऑक्सीजन एकाग्रता जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों की दूर से निगरानी और समायोजन करने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसके अलावा निरंतर वीडियो निगरानी चिकित्सा पेशेवरों और माता-पिता दोनों को नवजात शिशुओं की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण करने में सक्षम बनाती है, भले ही उनका भौतिक स्थान कुछ भी हो।

क्या कहते हैं आईआईटी मंडी के सहायक प्रोफैसर
आईआईटी मंडी के सहायक प्रोफैसर डाॅ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि सिन्क्यूबेटर एंड्राॅयड एप्लीकेशन के माध्यम से बच्चे की निरंतर वीडियो निगरानी सक्षम करता है। पीलिया से निपटने के लिए प्लग-एंड-प्ले फोटोथैरेपी किट शामिल है। हमारा नवाचार सुविधा से परे तक फैला हुआ है और यह उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को संबोधित करता है जहां उन्नत चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच सीमित है। हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्र, जहां चरम मौसम की स्थिति और ऊबड़-खाबड़ इलाका स्वास्थ्य देखभाल वितरण के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करता है, हमारा उपकरण तत्काल देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के लिए एक जीवन रेखा प्रदान करता है।

क्या बोले आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफैसर
आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफैसर डाॅ. सत्वशील रमेश पोवार ने बताया कि अब तक हमने अवधारणा का प्रमाण बनाया और परीक्षण किया है। आईआईटी मंडी आई-हब, आईआईटी मंडी कैटलिस्ट और गवर्नमैंट इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नोएडा के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करते हैं और स्टैनफोर्ड बायोडिजाइन गैराज के माध्यम से हम इस नवाचार के मूल्य का एक प्रमाण विकसित करने में सक्षम होंगे जो विनिर्माण योग्य और स्केलेबल होगा। हमें उम्मीद है कि हम आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे और डेढ़ से 2 साल के भीतर उत्पाद लाॅन्च कर देंगे।
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Content Writer

Vijay