तकनीकी विकास में आईआईटी मंडी का महत्वपूर्ण योगदान : राज्यपाल

Thursday, Jun 29, 2023 - 06:46 PM (IST)

मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश के तकनीकी विकास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी का महत्वपूर्ण योगदान है। यह संस्थान सेब आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में तकनीकी सहायता भी प्रदान कर सकता है। यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वीरवार को आईआईटी मंडी में समाज के लिए प्रौद्योगिकी विषय पर आयोजित जी-20-एस-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी पर्यावरण, जानवरों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए जंगल की आग के मुद्दे के समाधान की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि मैगा जी-20-एस-20 सम्मेलन से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रभावशाली प्रतिनिधियों को एक साथ आने और तकनीकी हस्तक्षेप के साथ सामाजिक विकास के लिए ज्ञान सांझा करने और सार्थक चर्चा की दिशा में बेहतर मंच उपलब्ध हुआ है।

पीएम मोदी ने वसुधैव कुटुम्बकम का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया
राज्यपाल ने कहा कि आज बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 का मंत्र एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य दोहराकर वसुधैव कुटुम्बकम का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और इसकी अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इसलिए इस संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह हिमाचल प्रदेश से शुरू कर दुनियाभर के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करें। इससे पहले राज्यपाल ने संस्थान की प्रयोगशालाओं और केंद्र का दौरा किया और ड्रोन और रोबोटिक्स, आई-हब, उन्नत सामग्री अनुसंधान केंद्र, टिंकरिंग लैब आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।  

विज्ञान और प्रौद्योगिकी आईआईटी मंडी की रीढ़
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफैसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आईआईटी मंडी की रीढ़ है इसलिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में हमारा उद्देश्य समाज के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में योगदान देने का हैं। इस अवसर पर विधायक पूर्ण चंद, आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रोफैसर मनोज गौड़, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक प्रोफैसर बलदेव सेधिया व अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

वैश्विक समस्याओं पर एक साथ गंभीरतापूर्वक गौर करना शुरू करेंगे : प्रो. आशुतोष
भारत सरकार के पूर्व डी.एस.टी. सचिव एवं एस20 अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा ने अपने शुरूआती वक्तव्य के दौरान कहा कि विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ना काफी महत्वपूर्ण है। जी20 का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है और हम इसको तभी हासिल कर सकते हैं जब हम वैश्विक समस्याओं पर एक साथ गंभीरतापूर्वक गौर करना शुरू करेंगे।  

प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पूर्ण जिम्मेदारी से करना चाहिए : डाॅ. जनक पलटा 
जिमी मैकगिलिगन सैंटर फॉर सस्टेनेबल डिवैल्पमैंट के संस्थापक निदेशक पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मैकगिलिगन ने कहा कि हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पूर्ण जिम्मेदारी से करना चाहिए। हमारे भविष्य के दीर्घकालिक विकास और संरक्षण लिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और मिट्टी के उपयोग को सीखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें समाज की जमीनी समस्याओं के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।

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Content Writer

Vijay