हिमाचल में दूसरे भी जारी रही हड़ताल, CITU के बैनर तले सैंकड़ों मजदूरों ने किया प्रदर्शन

Wednesday, Jan 09, 2019 - 04:44 PM (IST)

शिमला (योगराज): केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ वीरवार को भी देशभर के कर्मचारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने पूरे देश में हल्ला बोला। शिमला में भी सीटू के बैनर तले कई कर्मचारी और ट्रेड यूनियनों ने शिमला बस स्टैंड स्थित पंचायत भवन से लेकर सब्जी मंडी ग्राऊंड पर तक रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रैली में सैंकड़ों की संख्या में मजदूर, कर्मचारी, किसान और महिलाओं ने भाग लिया। सीटू के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने केंद्र्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार लगातार श्रम कानूनों का उल्लंघन कर मजदूरों और कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का काम कर रही है। पिछले साढ़े चार वर्ष के भाजपा के शासन में महंगाई, बेरोजगारी, ठेका प्रथा और मजदूरों का शोषण बढ़ा है।  

पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

शिमला मुख्य पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने भी केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। शिमला पोस्ट ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ नहीं दे रही है। पोस्ट कर्मचारियो ने नई पैंशन स्कीम को बंद करने व खाली पदों को भरने की मांग की है। कर्मचारियों ने मोदी सरकार पर बेरोजगारी पर लगाम लगाने में विफल होने के आरोप लगाए हैं।

मंडी में सड़कों पर उतरे सैंकड़ों मजदूर

ट्रेड यूनियनों की 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन भी मंडी जिला में खासा असर देखने को मिला। मंडी जिला में फोरलेन निर्माण में लगे मजदूर हड़ताल में शामिल हुए और इस दौरान कामकाज बंद रखा। पंडोह से बनाला तक बन रही टनलों में लगे मजदूरों ने सीटू के बैनर तले इलाके में सड़कों पर उतरकर रोष रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी व कम्पनियों के पक्ष में बदलाव कर रही है, जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हित में कोई फैसले नहीं लिए जा रहे और पूंजीपतियों को इसका लाभ पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए नहीं दिया जा रहा और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है।

2 हजार का मासिक वेतन देना मजदूरों का शोषण

सरकार ने फिक्स्ड टर्म की नौकरियां देने की पॉलिसी बनाई है जिसके चलते अब कुछ समय के लिए ही रोजगार मिल पाएगा। हिमाचल सरकार ने भी आई.पी.एच., पी.डब्ल्यू.डी., बिजली, स्वास्थ्य व अन्य विभागों में ठेका प्रथा शुरू कर दी है, जिसमें डेढ़-2 हजार के मासिक वेतन देकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। सरकार ने पैंशन सुविधा भी बन्द कर दी है जबकि विधायकों व मंत्रियों के वेतन व भत्ते तथा पैंशन लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने फोरलेन निर्माण में लगी कंपनियों से मजदूरों को न्यूनतम वेतन सहित सभी लाभ देने की मांग भी उठाई।

2 दिन की हड़ताल से करोड़ों रुपए का नुक्सान

देशभर में 2 दिन तक चली इस हड़ताल में करोड़ों रुपए का नुक्सान हुआ है। हड़ताल के चलते देश के अधिकतर बैंक, पोस्ट ऑफिस, एल.आई.सी., होटल सहित कई केंद्रीय कार्यालय में कामकाज पूरी से तरह से ठप्प रहा। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तब तक इस तरह के आंदोलन जारी रहेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो आने वाले समय में आंदोलन को उग्र भी किया जाएगा।

Vijay