HPU के इन दिव्यांग छात्रों ने एक बार फिर JRF और NET पास कर रचा इतिहास

Thursday, Jan 10, 2019 - 04:37 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों ने यू.जी.सी. की जे.आर.एफ. और नैट परीक्षा उत्तीर्ण कर एक बार फिर इतिहास रचा है। इस बार 2 विद्यार्थियों ने जे.आर.एफ. और 7 ने नैट पास किया। नैट में सफल होने वालों में 5 दृष्टिबाधित विद्यार्थी शामिल हैं। बीते वर्ष भी कई दिव्यांग विद्यार्थियों ने नैट उत्तीर्ण कर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश का नाम रोशन किया था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने सभी सफल दिव्यांग विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय दिव्यांगों को आरक्षण समेत सभी जरूरी सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड व विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ई.सी.) के सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि हिन्दी में एमफिल कर चुकी सवीना जहां और पर्यटन प्रबंधन में पीएच.डी. के छात्र पंकज शर्मा दिव्यांग हैं और दोनों जे.आर.एफ. हो गए हैं।

राजनीति विज्ञान में एम.ए. कर रही दृष्टिबाधित इंदू कुमारी ने पहले प्रयास मे ही नैट पास कर लिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुल 7 दिव्यांग विद्यार्थियों ने नेट उत्तीर्ण किया जिनमें से पांच यानी कि अनुज कुमार (अर्थशास्त्र), इंदू कुमारी, विनोद शर्मा व जसबीर लुबाना (राजनीति विज्ञान), अजय कुमार (इतिहास) दृष्टिबाधित हैं। इंदू के अलावा शेष सभी ने नैट दोबारा पास किया है। शिक्षा शास्त्र में पीएच.डी. व नैट कर चुके शारीरिक दिव्यांग राजकुमार ने इस बार राजनीति विज्ञान में नैट उत्तीर्ण किया है। वे इतिहास में भी नैट कर चुके हैं।

दिव्यांग सतीश ठाकुर ने राजनीति विज्ञान और प्रियंका ठाकुर ने कानून विषय में नैट की परीक्षा दोबारा पास की। इसके अलावा रामपुर की रहने वाली दृष्टिबाधित छात्रा रोमा नेगी ने इतिहास विषय में नैट प्रथम प्रयास में पास किया। वह पंजाब विश्वविद्यालय की छात्रा हैं और अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीएच.डी. करना चाहती हैं। कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने इन सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि हिमाचल प्रदेश की गरिमा बढ़ाई है। उनका कहना है कि ये विद्यार्थी अनेक कठिनाइयों के बावजूद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। समाज को दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए सभी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
 

 

Ekta