HPU के ICDEOL सैंटर में हुए घोटाले को लेकर पुलिस की कार्रवाई तेज, नपेंगे कई चेहरे

Monday, Jan 07, 2019 - 11:26 AM (IST)

शिमला (जस्टा): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल सैंटर में हुए घोटाले को लेकर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस करोड़ों रुपए के घोटाले में कई चेहरे नप सकते हैं। पुलिस एक या दो दिन के अंदर विश्वविद्याल प्रशासन से रिकॉर्ड जब्त करेगी। जैसे ही पुलिस के पास रिकॉर्ड आएगा उसके तुरंत बाद पुलिस गिरफ्तारी करनी शुरू करेगी। वि.वि. में प्रोस्पैक्टस को लेकर 1 करोड़ 11 लाख 67 हजार का घोटाला हुआ है। इस घोटाले में क्या एक ही कर्मचारी शामिल है या फिर अन्य लोग भी शामिल हैं इसका पुलिस जल्द ही खुलासा करेगी। आखिर में इतना बड़ा करोड़ों रुपए का घोटाला कैसे हुआ इसको लेकर पुलिस भी हैरान है।

बताया जा रहा है कि ए.जी. ऑफिस की ऑडिट टीम ने इक्डोल का रिकॉर्ड जब कब्जे में लिया तो हर साल प्रोस्पैक्टस की बिक्री की आय वि.वि. के खाते में कम जमा की गई जबकि प्रोस्पैक्टस अधिक बिके। वर्ष 2002 में इस तरह हेरफेर चल रही थी। कई साल से एक कर्मचारी प्रोस्पैक्टस की बिक्री का कार्य करता आ रहा था। इसी कर्मचारी के पास सारा रिकॉर्ड होता था। शैक्षणिक सत्र 2013-14, 2015-16 और 2017-18 में लाखों रुपए की पेमैंट वि.वि. के खाते में जमा नहीं करवाई।

जब ऑडिट टीम ने रिकॉर्ड कब्जे में लेना शुरू किया तो परतें खुलने लगीं और इक्डोल का घाटा एक करोड़ से अधिक के आसपास पहुंच गया। हालांकि इस मामले में कुल सचिव ने आरोपित अनुभाग अधिकारी बाबू राम को सस्पैंड किया है। यह मामला नवम्बर 2018 में ऑडिट प्रक्रिया के दौरान उजागर हुआ था। इसके बाद मामले की प्रारंभिक जांच में प्रोस्पैक्टस की बिक्री में वित्तीय गड़बड़ी पाए जाने के बाद आरोपी अधिकारी को 16 नवम्बर को निलंबित कर दिया गया था और मामले को लेकर वि.वि. प्रशासन ने आंतरिक जांच शुरू की थी। अब इस घोटाले में मुख्य आरोपी कौन-कौन है इसको लेकर जल्द ही पुलिस छानबीन कर खुलासा करेगी। फिलहाल मामले को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है।




 

Ekta