HMPV Virus: हिमाचल सरकार ने बढ़ाई सतर्कता, विशेष लैब स्थापित करने की तैयारी, बाहरी राज्यों से आने वालों पर रखी जाएगी नजर

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 11:00 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके और संक्रमित मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

राज्य के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे सर्दी, खांसी, बुखार और कफ जैसे गंभीर लक्षणों वाले मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट करें। इसके लिए अस्पतालों में विशेष लैब स्थापित करने की भी तैयारी चल रही है, जहां संक्रमण की पुष्टि के लिए और भी जांच की जा सकेगी। इसके साथ ही, अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि ऐसे मरीजों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था की जाए, ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके।

बाहरी राज्यों से आने वालों पर नजर

बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों की भी सख्त निगरानी की जा रही है। इस वायरस के फैलने का खतरा मुख्य रूप से खांसने, छींकने, हाथ मिलाने या संक्रमित सतह को छूने से होता है। इसलिए, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोगों को सावधान किया जाए और संक्रमण रोकने के उपाय अपनाए जाएं।

वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय

एचएमपीवी के सामान्य लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार, नाक बंद होना, और गंभीर मामलों में सांस फूलना शामिल है। यह वायरस ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि यदि उन्हें या उनके परिवार के किसी सदस्य को इन लक्षणों का अनुभव हो, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।

इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि किसी बच्चे को बुखार या खांसी हो, तो परिवार के सभी सदस्यों को मास्क पहनने और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी गई है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना, नियमित हाथ धोना, और खांसते या छींकते समय मुंह ढकना भी संक्रमण रोकने में मदद करता है।

वहीं स्वास्थ्य विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह एक सामान्य वायरस है, जो पहले भी देश में फैल चुका है। हालांकि यह बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। समय पर इलाज और सावधानियों से इस वायरस से बचा जा सकता है।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की बैठकें

राज्य और केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सचिवों की बैठकें आयोजित की गई हैं। इन बैठकों में वायरस की स्थिति और इसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए रणनीतियां बनाई गई हैं। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सा अधिकारियों और अस्पताल प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा और तीव्र श्वसन संबंधी रोगियों पर नजर रखें और उनकी समय पर जांच करें।

सरकार की ओर से लोगों को जागरूक करने और सतर्कता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है।


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Content Editor

Jyoti M

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