Supreme Court ने लगाई मुहर, कृषि भूमि पर लागू होगी हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-22

Thursday, Mar 14, 2019 - 11:01 PM (IST)

शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए स्पष्ट किया कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-22 कृषि भूमि पर भी लागू होगी। धारा-22 के अनुसार संयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति का बंटवारा होने से पहले यदि उत्तराधिकार में मिली संपत्ति को कोई एक सदस्य बेचना चाहे तो अन्य वारिस उस संपत्ति को खरीदने का दावा प्राथमिकता के आधार पर कर सकते हैं। यानी संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने से पहले अन्य वारिसों की सहमति जरूरी होगी। इस व्यवस्था से पहले कृषि भूमि को हिस्सेदार किसी अन्य खरीददार को दूसरे हिस्सेदार से बिना पूछे बेच सकता था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट किया था कि हिंदू सक्सैशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि से जुड़े विवादों पर भी लागू होंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी की खंडपीठ ने 2 विरोधाभासी एकल पीठों के निर्णयों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह निर्णय सुनाया था।

खंडपीठ ने वर्ष 2015 में पारित फैसले को बताया सही

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने फैसला सुनाया था कि हिंदू सक्सैशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू नहीं होते जबकि वर्ष 2015 में पारित फैसले में दूसरी एकल पीठ ने यह निर्णय सुनाया कि हिंदू सक्सैशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू होते हैं। इसके बाद 2 विरोधाभासी फैसलों के ध्यान में आने के बाद एकल पीठ ने इस मामले को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष उचित फैसले के लिए भेजा था, जिस पर खंडपीठ ने वर्ष 2015 में पारित फैसले को सही करार देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू सक्सैशन एक्ट की धारा-22 के मुताबिक कृषि योग्य भूमि सहित सभी तरह की भूमि से जुड़े विवादों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इस फैसले के आधार पर न्यायाधीश सी.बी. बारोवलिया ने 7 मई, 2018 को बाबू राम की अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था को उचित ठहराया था। बाबू राम ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

Vijay