बजट से निराश हिमाचली किसान, न बढ़ी किसान सम्मान निधि न ही कृषि इनपुट पर अनुदान का ऐलान

Saturday, Feb 01, 2020 - 11:18 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि-बागवानी क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान जरूर किए लेकिन हिमाचल प्रदेश के किसानों को इनका प्रत्यक्ष लाभ मिलते नहीं दिख रहा। प्रदेश में साढ़े 9 लाख से अधिक किसान हैं। बजट में न तो किसान सम्मान निधि बढ़ी, न ही कृषि इनपुट पर अनुदान का ऐलान हुआ। वेयर हाऊस और कोल्ड स्टोर खोलने का लाभ भी किसानों की बजाय इन्हें स्थापित करने वाले कार्पोरेट घरानों को ही अधिक होगा। जल्द नष्ट होने वाले कृषि व बागवानी उत्पादों की ढुलाई के लिए प्रस्तावित किसान ट्रेन की पहाड़ी राज्य होने के नाते हिमाचल में चलने की संभावना कम ही है। लिहाजा किसान ट्रेन का लाभ भी किसानों को मिलने की कम ही उम्मीद है।

बजट में 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का दावा किया गया है लेकिन प्रदेश में कृषि घाटे का सौदा साबित हो रही है। वर्ष 1980 तक कृषि क्षेत्र का प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 38 फीसदी तक योगदान था, जो अब घटकर महज 5 फीसदी रह गया है। कृषि इनपुट (खाद, बीज व दवाइयों) पर बजट में किसी तरह की मदद का ऐलान नहीं किया गया है। उलटा एक दशक के दौरान कृषि इनपुट पर मिलने वाली 80 फीसदी तक सब्सिडी खत्म कर दी गई है। किसानों को बिचौलिए के शोषण से बचाने व विपणन की व्यवस्था का भी बजट में जिक्र नहीं है।

Vijay