बुरांस के फूलों से महके हिमाचल के जंगल, औषधि के रूप में होता है प्रयोग (Video)

Friday, Mar 29, 2019 - 04:15 PM (IST)

रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): हिमाचल के पहाड़ों पर इन दिनों जंगल बुरांस के फूलों से मनमोहक एवं आकर्षक हुए हैं। ऊंचाई के हिसाब से फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में फूलने वाले बुरांस के फूलों का इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण लोग विभिन्न बीमारियों में औषधि के रूप में भी प्रयोग करते हैं। इसके अलावा बुरांस के फूल की तासीर ठंडी होने के कारण जूस भी बनाया जाता है। बुरांस समुद्रतल से 1500 से 3600 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है। करीब 14 मीटर तक की लम्बाई वाले ये वृक्ष मुख्यत: ढलानदार भूमि में पाए जाते है। बुरांस के फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही स्वास्थ्यवर्द्धक भी हैं।

हिमाचल में पाए जाते हैं 3 प्रकार के फूल वाले बुरांस

हिमाचल में 3 प्रकार के फूल वाले बुरांस पाए जाते हैं, जिनमें गुलाबी, लाल और सफेद फूल लगते हैं। इनमें लाल फूलों का औषधीय महत्व अधिक माना जाता है। लोग इसे लिवर, किडनी रोग के अलावा खूनी दस्त, बुखार आदि के दौरान प्रयोग करते हैं। बुरांस के फूलों में मिथेनॉल होता है जोकि डायवटीज के लिए भी उत्तम माना जाता है। इसके अलावा बुरांस के फूलों से जूस व चटनी भी बनाई जाती है। वैसे तो बुरांस की विश्व में करीब 300 प्रजातियां हैं लेकिन लाल फूल वाले बुरांस को ही औषधीय दृष्टि से उत्तम माना जाता है। बुरांस का वैज्ञानिक नाम रोडोडेन्ड्रम है और भारत के अलावा पड़ोसी देशों में भी काफी पाया जाता है।

भगवान को भी चढ़ाए जाते हैं बुरांस के फूल

किन्नौर की रहने कांता ने बताया कि आजकल पहाड़ों पर बुरांस के फूल खिले हैं इससे जंगल सुहाने लगते हैं। लोग इसे दवा के रूप में प्रयोग करते हैं। हिमाचल में इनसे घरो में दवाइयां बनाई जाती हैं। दस्त-उल्टी आदि में इन फूलों का प्रयोग किया जाता है। रतन नेगी ने बताया कि बुरांस के फूल भगवान को भी चढ़ाए जाते हैं। बुरांस के फूलों को पीसने के बाद पेट की बीमारियां खास कर खूनी दस्त आदि में दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है तथा लोग इन फूलों को चटनी के रूप में भी प्रयोग करते हैं।

Vijay