हिमाचल को 15वें वित्तायोग से मिली इतनी करोड़ की राजस्व घाटा अनुदान राशि

Sunday, Jul 12, 2020 - 11:22 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): 52 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी राज्य सरकार को केंद्र ने राजस्व घाटा अनुदान ग्रांट देकर संजीवनी प्रदान की है। केंद्र ने 15वें वित्तायोग से मंजूर राजस्व घाटा अनुदान की चौथी किस्त जारीकर दी है। जुलाई महीने के राजस्व घाटा अनुदान की भरपाई के लिए केंद्र ने 952 करोड़ रुपए जयराम सरकार के खजाने में डाले हैं। यह अनुदान ग्रांट ऐसे वक्त में आई है, जब सरकार कर्मचारियों को वेतन व पैंशनर्ज को पैंशन देने के लिए ऋण लेने पर भी विचार कर रही थी।

हिमाचल को जीएसटी में हिस्से से ग्रांट मिलनी अभी शेष

जीएसटी में हिस्से से हिमाचल को ग्रांट मिलनी अभी शेष है। प्रदेश में 24 मार्च से लॉकडाऊन के बाद से राजस्व संग्रहण बहुत गिर गया है। इससे सरकारी खजाने पर बुरा असर पड़ा है। विकास के कार्य भी ठप्प पड़ गए हैं। खासकर विधायक निधि से होने वाले काम फिलहाल रोक दिए गए हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार को 15वें वित्तायोग से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। वित्तायोग ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 11431 करोड़ की राजस्व घाटा अनुदान राशि को मंजूरी दे रखी है। अब सरकार की नजरें इस पर टिकी हुई हैं।

सरकार को सैलरी के लिए 13099.47 करोड़ की जरूरत

राज्य सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में कर्मचारियों के वेतन व भत्तों के भुगतान के लिए 13099.47 करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके अलावा 7266 करोड़ की रकम पैंशनधारकों को पैंशन देने के लिए चाहिए। इसी तरह ब्याज के भुगतान के लिए सरकार को 4931.92 करोड़ की रकम चाहिए लेकिन कोरोना के कारण जीएसटी और वैट के संग्रहण में भारी गिरावट आई है।

Vijay