कोरोना वैक्सीन को लेकर हिमाचल तैयार : जयराम

Friday, Jan 01, 2021 - 11:27 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि नए साल में कोरोना वैक्सीन को लेकर हिमाचल प्रदेश तैयार है। इसके लिए सरकारी स्तर पर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को प्रोटोकॉल के तहत लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष, 2020 में विकास कार्य में जो व्यवधान आया है, उसे वर्ष, 2021 में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए साल में देश और प्रदेश कोरोना संकट से बाहर निकल आएगा, जिससे विकास की गति तेज हो सकेगी।

प्रतिकूल हालात के बावजूद राजस्व में 25 फीसदी बढ़ौतरी

उन्होंने कहा कि प्रतिकूल हालात के बावजूद प्रदेश में वर्ष, 2019 के मुकाबले वर्ष, 2020 में राजस्व वसूली में 25 फीसदी बढ़ौतरी हुई है। यह बढ़ौतरी आबकारी और कराधान विभाग के सभी हैड्स में दर्ज की गई है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 619 करोड़ रुपए के मुकाबले इस वर्ष दिसम्बर, 2020 तक 772 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया। यह सकारात्मक रुझान पिछले 4 महीनों से निरंतर जारी है। विभाग के राजस्व में अगस्त के दौरान 15 फीसदी, सितम्बर में 10 फीसदी, अक्तूबर में 37 फीसदी और नवम्बर में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है।

जीएसटी में 16 फीसदी की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज

उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2020 में मूल्य वर्धित कर (वैट) में 45 फीसदी, कराधान राजस्व में 29 फीसदी और राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 16 फीसदी की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्तियों में यह उल्लेखनीय वृद्धि आॢथक गतिविधियों की बहाली, सरकार की अनलॉक रणनीति, करदाताओं द्वारा बेहतर अनुपालन और विभाग की तरफ से प्रभावी प्रशासन के कारण सम्भव हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद वर्तमान वित्त वर्ष और पिछले वित्तीय वर्ष के संचयी राजस्व के बीच का अंतर दिसम्बर, 2020 में घटकर 7 फीसदी रह गया, जो जुलाई, 2020 में 39 फीसदी था।

स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से राजस्व वृद्धि दर्ज हुई

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन कार्ड के माध्यम से फील्ड इकाइयों की निगरानी की नई पहल ने फील्ड अधिकारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार किया। इससे प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि लाने में सहायता मिली है। मुख्यालय स्तर पर बढ़ी हुई विश्लेष्णात्मक और डेटा संचालित क्षमताओं के कारण क्षेत्रीय इकाइयों के प्रयासों को और अधिक मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य की राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने के लिए लीगेसी मामलों के समाधान योजना के तहत वसूली, ई-वे बिल का भौतिक सत्यापन, जीएसटी आर. 3 बी. रिटर्न भरने का अनुपालन, रिटर्न देरी से भरने पर ब्याज वसूली, अनुचित आईटीसीएस वसूली और टैक्स चोरी से वसूली जैसे मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि कर चोरी से संबंधित मामलों की पहचान और राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए राज्य की राजस्व हानि के तरीकों की पहचान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Vijay