Himachal: परदादा वॉर हीरो, दादा ने पाकिस्तान को हराया, अब पोता बना एयरफोर्स पायलट

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2024 - 04:31 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पालमपुर के ननाओ गांव के युवक प्रथम परमार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रथम परमार जो कि वायुसेना में फ्लाइंग अफसर (Air Force Flying Officer) यानी पायलट बना है। प्रथम परमार कांगड़ा जिले के पालमपुर के ननाओ गांव का निवासी है।

ट्रेनिंग के बाद फ्लाइंग ऑफिसर प्रथम परमार घर लौटे, जहां पर उनका भव्य स्वागत किया। पूर्व मंत्री और सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार ने भी उनका स्वागत किया। परदादा पहले विश्व युद्ध का हिस्सा रहे थे और दादा सूबेदार राय सिंह ने सन 65 में पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे और अब पोता पायलट बना है। फ्लाइंग आफिसर प्रथम परमार के पिता संजीव परमार भारतीय रेलवे में सीनियर सेक्सन इंजीनियर और माता एजुकेशन विभाग और बहन मिनल परमार अंतरराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं।

तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद बना पायलट

जानकारी के अनुसार, प्रथम परमार ने अपनी शुरुआती शिक्षा पंजाब के कपूरथला और कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल से की। इसके बाद, मोहाली के महाराजा रणजीत सिंह संस्थान से पढ़ाई की और बाद में एनडीए का एग्जाम पास किया। अब तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद पायलट बन गए हैं। प्रथम परमार ने परिवार सहित अपने कुलदेव अक्षैणा महादेव के दर्शन किया और कुल देवी सच्चियात और माता शीतला का भी आशीर्वाद लिया।

फ्लाइंग आफिसर प्रथम परमार देश सेवा में सैन्य सेवाओं में शामिल अपने परिवार कि पांचवीं पीढी हैं. इनके परदादा कैप्टन दयाल सिंह परमार ने दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिया था. बाद में दादा सुबेदार राय सिंह ने साल 1965 और 1972 के भारत पाक युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए. उधर, चाचा कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात रहे। अब पोता वायुसेना में फ्लाइंग अफसर बना है।


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Content Editor

Jyoti M

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