हिमाचल में खल रही फिजियोथेरेपिस्ट की कमी, नियुक्तियां करें सरकार (Video)

Sunday, Sep 08, 2019 - 03:08 PM (IST)

शिमला (तिलक): वर्ल्ड फिजियोथेरिपी डे पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट हिमाचल प्रदेश ने सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अनूप कुमार ने शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फिसियोथेरेपिस्ट्स की नियुक्ति की जाए। संघ ने मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2, क्षेत्रीय अस्पताल में 4 व मेडिकल कॉलेज में कम से कम 6 फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति होनी चाहिए। संघ ने आउटसोर्स से फिजियोथेरिपिस्ट लगाने का विरोध किया। ग्रामीण क्षेत्रों में तो फिजियोथेरिपिस्ट न के बराबर है।  

आर एंड पी नियमों के तहत भर्ती की मांग संघ ने की है। ग्रेड पे नर्सिंग से भी नीचे ग्रेड 3 दी जा रही है। जिसे ग्रेड 2 करने की मांग संघ ने की। संघ ने मांग की है कि फिजियोथेरिपी विभाग अलग से होना चाहिए जिसमें बकायदा एचओडी व वरिष्ठ फिजियोथेरिपिस्ट होने चाहिए। देश के कई राज्यों में फिजियोथेरिपी बिल पास हो गया है जबकि हिमाचल अब तक इसमें पिछड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में10 में 3 महिला व 10 में 2 पुरुषों को फिजियोथेरिपी की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरिपिस्ट इतनी बड़ी पद्धति है, इसे परिभाषित किया जाये। ऐसे में जब डब्ल्यू एच ओ भी कहता है कि फिजिओथेरेपिस्ट इतना काबिल होता है कि केस स्वयं व स्वतंत्र रूप से हैंडल कर सकता है। प्रदेश में 163 फिजियोथेरेपिस्ट रजिस्टर है। जबकि मात्र 8 विभिन्न सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवाएं दे रहे है। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल में फिजियोथेरेपी को इतना महत्व नहीं मिल रहा जितना मिलना चहिए। जबकि मोदी ने हाल ही में फिट इंडिया मुहिम शुरू की थी, लेकिन फिजियोथेरिपी के बिना यह मुहिम कैसे पूरी हो सकती है। जिसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट की बड़ी भूमिका रहती है। इस पद्धति में सरकारी क्षेत्र निजी से पिछड़ा है। यदि फिजियोथेरिपी में काम होता है तो बहुत से रोगों से मुक्ति मिलेगी साथ ही बड़ी से बड़ी सर्जरी से भी बचा जा सकता है। जो काम दवा नहीं कर सकती वो फिजियोथेरिपी कर सकती है। अध्यक्ष ने बताया कि वर्ल्ड फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बतौर मुख्यअथिति सीएम जयराम ठाकुर मौजूद रहेंगे। कोख से कब्र तक इस बार का थीम है।

Ekta