कोरोना मुक्त होने की दहलीज पर खड़े हिमाचल को गलत निर्णयों से लग रहे झटके

Tuesday, May 12, 2020 - 11:50 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): कोरोना मुक्त होने के मुहाने पर खड़े हिमाचल को गलत निर्णय के कारण झटके पर झटके लग रहे हैं। राज्य के कानूनप्रिय लोगों ने डेढ़ महीने से अधिक समय तक घर में कैद रहकर कड़ी तपस्या की। इसकी बदौलत हिमाचल बीते 3 मर्ई को कोरोना मुक्त होने जा रहा था। इस बीच देश के रैड जोन से बिना कोविड टैस्ट के लोगों को घर लाने और होम क्वारंटाइन करने के फैसले से हालात खराब हो गए।

हिमाचल में एक्टिव केस 25, 66 हो गए मामले

इन फैसलों के कारण अब छोटे से राज्य हिमाचल में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 25 तथा कुल मामले 66 हो गए हैं। संकट की इस घड़ी में सरकार और अफसरशाही के आपसी तालमेल पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। कोरोना से इस लड़ाई में एकाध को छोड़कर ज्यादातर मंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे। सूत्रों की मानें तो अफसरशाही द्वारा अनदेखी किए जाने की वजह से जयराम के वजीर भी नाराज हैं। डिजास्टर फंड से डेढ़ से अढ़ाई लाख की तनख्वाह लेने वाले ब्यूरोक्रेट्स के लिए 16 स्मार्टफोन खरीदना अफसरशाही का सरकार पर हावी होने का नमूना है।

सरकार ने नहीं की तैयारियां

देश में खासकर रैड जोन से हिमाचलियों को वापस लाने से पहले राज्य सरकार ने पुख्ता इंतजाम नहीं किए। इनके लिए क्वारंटाइन सैंटर और कोविड-19 टैस्ट की व्यवस्था नहीं की गई। परिणामस्वरूप 55 हजार से ज्यादा लोग अब होम क्वारंटाइन पर हैं।

जब मामले कम तब पाबंदियां ज्यादा

जब कोविड-19 पॉजीटिव मामले कम थे तो बहुत ज्यादा पाबंदियां थीं और जब मामले बढ़ते जा रहे हैं तो पाबंदियां खत्म की जा रही हैं। पहले ही मजदूरों की कमी झेल रहा हिमाचल इन्हें यहां रुकने को प्रोत्साहित करने की बजाय घर भेज रहा है।

Vijay