HC का आदेश, 6 सप्ताह में फूड सेफ्टी ट्रिब्यूनल का गठन करे हिमाचल सरकार

Thursday, May 02, 2019 - 11:46 PM (IST)

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह 6 सप्ताह के भीतर फूड सेफ्टी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन करे। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि अगर मोटर वाहन दुर्घटना मामलों के लिए गठित ट्रिब्यूनलों के समक्ष अधिक कार्य नहीं है तो उस स्थिति में उसका पीठासीन अधिकारी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के अंतर्गत आने वाले पीठासीन अधिकारी के तौर भी काम कर सकता है।

कंडाघाट में एक स्थायी व 2 चलती-फिरती प्रयोगशालाएं

गौरतलब है कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने न्यायालय को बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धारा 70 के मुताबिक फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों का निपटारा करने के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन करना अति आवश्यक है और इस ट्रिब्यूनल के लिए जिला न्यायाधीश के स्तर का अधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान बनाया गया है। न्यायालय को बताया गया कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रदेश में केवल कंडाघाट में एक स्थायी व 2 अन्य चलती-फिरती प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हंै जोकि पर्याप्त नहीं हैं ताकि लिए गए नमूनो की तुरंत रिपोर्ट हासिल की जा सके।

एक माह के भीतर की जाए फूड सेफ्टी अधिकारियों की नियुक्ति व पदोन्नति

न्यायालय ने राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए कि वह और अधिक नियमित प्रयोगशालाएं स्थापित करने पर विचार करे क्योंकि उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं की संख्या 3 लाख के लगभग है। न्यायालय को यह बताया गया कि प्रदेश फूड सेफ्टी अधिकारियों की संख्या कम है और कम पदों के चलते कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए हैं कि वह फूड सेफ्टी अधिकारियों की नियुक्ति व पदोन्नति बाबत एक माह के भीतर कदम उठाए। मामले पर सुनवाई 31 जुलाई के लिए निर्धारित की गई है।

Vijay