हिमाचल सरकार और पुलिस के लिए गले की फांस बना फॉरेस्ट गार्ड केस

Saturday, Jul 22, 2017 - 09:45 AM (IST)

शिमला: गुड़िया हत्याकांड के बाद अब सरकार और पुलिस के लिए मंडी के होशियार सिंह फॉरैस्ट गार्ड की मौत गले की फांस बनती जा रही है। इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिक्स क्यूरी ने एस.आई.टी. व पुलिस जांच पर कई गंभीर सवाल उठाए। हाईकोर्ट में पेश सुझावों में एमिक्स क्यूरी ने जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि होशियार द्वारा कथित तौर पर खाया गया जहर कहां से आया, किसने बेचा व किससे खरीदा, यह जांच के विषय में नहीं जोड़ा गया। जांच में पाया गया कि होशियार सिंह ने 5 जून को सुबह करीब पौने 9 बजे एक टी.जी.टी. मास्टर के घर दाल चावल, सलाद व आलू मटर खाए थे जबकि 10 तारीख को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी होशियार के पेट में यही पदार्थ पाए गए। 


होशियार की मौत के समय की पुख्ता जानकारी जरूरी
डॉक्टरों के ओपिनियन के अनुसार पेट में खाना 4 से 6 घंटों में पच जाता है। अगर जहर खाया हो तो यह प्रक्रिया कुछ और देरी से पूरी होती है। एमिक्स क्यूरी के अनुसार होशियार की मौत के समय की पुख्ता जानकारी जरूरी है क्योंकि इससे मौत की असल वजह जानने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। 5 से 9 जून के बीच घटनास्थल पर बारिश हुई या नहीं, इस बारे भी जांच नहीं की गई क्योंकि इसका सीधा संबंध उल्टियों के धुलने से हो सकता है। वन माफियाओं पर अभी तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई और न ही कोई बड़ी गिरफ्तारी, जिससे इस मौत की असल वजह का पता चल सके।


सभी पक्षकारों को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दायर करने के आदेश 
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले के सभी पक्षकारों को एक सप्ताह के भीतर एमिक्स क्यूरी द्वारा उठाए सवालों व सुझावों पर अपनी रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। मामले पर सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित की गई है। इससे पहले एमिक्स क्यूरी ने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र से मांग की थी कि होशियार की मौत की जांच पर निगरानी स्वयं हाईकोर्ट रखे ताकि जांच सही व निष्पक्ष ढंग से आगे बढ़े। सरकार ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है। सरकार ने कहा था कि यदि जांच पर सवालिया निशान उठाए जाते हैं तो सरकार को सी.बी.आई. सहित किसी भी अन्य एजैंसी से इस मामले की जांच करवाने पर कोई एतराज नहीं होगा।