Himachal Cloudburst: समेज में परिवार के 9 सदस्यों को बहा ले गया सैलाब, 6 वर्षीय भतीजे के साथ अपनों को तलाश रहा अशोक कुमार
punjabkesari.in Sunday, Aug 04, 2024 - 12:10 PM (IST)
शिमला: रामपुर के समेज में बरपा कुदरत का कहर कभी न भरने वाले जख्म दे गया है। बुधवार की रात को बादल फटने के बाद आया सैलाब आशोक कुमार केदारता (42) के परिवार को बहा ले गया। इस परिवार में 11 सदस्य थे, जिनमें से अब मात्र 2 लोग अशोक कुमार केदारता और उनका 6 वर्षीय सौतेला भतीजा मोनू ही बचा है जबकि परिवार के 9 सदस्य अभी भी लापता हैं। अशोक कुमार ने रुंधे हुए स्वर में बताया कि इस विनाशकारी घटना में उनके घर समेत गांव के कई घर बह गए हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है, लेकिन परिजनों के जीवित मिलने की उम्मीद बहुत कम है। अशोक कुमार ने कहा कि मैं चाहते हूं कि परिजनों के शव बरामद हो जाएं ताकि उनका अंतिम संस्कार कर सकूं।
रिश्तेदार के घर पर मिली जानकारी, लौटा तो सब हो चुका था बर्बाद
अशोक कुमार ने बताया कि इस घटना में मेरी पत्नी अनीता देवी (38), 2 बच्चे मुकेश (19) और योगप्रिया (11), मेरे भाई सूरत राम, उनकी पत्नी संतोष कुमारी (50), उनके बेटे नीरा केदारता और उनके बड़े भाई सोनू का कोई पता नहीं है। बुधवार की रात घर में मौजूद सभी लोग अब हमारे बीच नहीं हैं। अशोक कुमार ने बताया कि बुधवार को वह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए घर से निकले थे। रात करीब एक बजे एक रिश्तेदार ने उन्हें घटना की जानकारी दी। जब वह लौटे तो सब कुछ बर्बाद हो चुका था। उनका सौतेला भतीजा मोनू अपनी बहन और मां प्रीति के साथ पास के गांव में अपने ननिहाल गया हुआ था, जिस वजह से वह सुरक्षित बच पाया।
सूरत राम से मिलने आया मेहमान भी लापता
बादल फटने की घटना में अपने 7 रिश्तेदारों को खोने वाले राजेश कुमार केदारता ने बताया कि कंदराहड़ गांव में कम से कम 4 घर बह गए हैं जोकि केदारता परिवार के सदस्यों के थे। अशोक कुमार जिसने अपनी पत्नी और दो बच्चों को खो दिया है और छोटा मोनू उनके निकटतम परिवार में केवल 2 सदस्य वहीं हैं। वहीं सूरत राम से मिलने आया एक मेहमान वेद राजू भी लापता है। इस घटना में चिंत देवी (70) ने भी अपने सभी दूर के रिश्तेदारों को खो दिया है। अशोक कुमार के बच्चे मुकेश और योगप्रिया सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल समेज में पढ़ते थे जोकि लापता 33 लोगों में शामिल हैं।
बचाव अभियान में अब तक कोई जीवित नहीं मिला
कुल्लू, मंडी और शिमला में बदल फटने की घटनाओं में कम से कम 50 लोग लापता हैं, जिनमें से अब तक 8 शव बरामद हुए हैं। बचाव अभियान को 72 घंटों से भी अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक कोई जीवित नहीं मिला है। लखनऊ से 20 आर्मी डॉग यूनिट, एक दर्जन हाई रिजॉल्यूशन ड्रोन और जेसीबी मशीनें बाढ़ग्रस्त समेज खड्ड में पानी के बहाव को बदलने के लिए बोल्डर और पत्थरों को हटा रही हैं। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि हालांकि एक स्थान से कटे हुए शरीर के अंग बरामद किए गए हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि ये अंग किसी लापता व्यक्ति के हैं। लापता लोगों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
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