शानन बिजली प्रोजैक्ट के हक को सुप्रीट कोर्ट जाएगा हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा

Wednesday, Oct 16, 2019 - 05:03 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियो में शानन बिजली प्रोजैक्ट जोगिंद्रनगर मंडी का मालिकाना हक हिमाचल प्रदेश को दिलाने का दम नहीं है इसलिए ‘हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा’ ने इसकी लड़ाई खुद सुप्रीम कोर्ट में लड़ने की ठानी है। हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह ने जोगिंद्रनगर में बने शानन बिजली प्रोजैक्ट को लेकर कई तरह के सवाल उठाए हैं। इस प्रोजैक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ लेकिन मंडी व हिमाचल को इसका हिस्सा नही मिल रहा है। इसका संचालन यदि हिमाचल को दे दिया जाए तो प्रदेश को इसका बहुत फायदा होगा। प्रोजैक्ट के निर्माण के वक्त मंडी को 3 फीसदी बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था जो आज तक नहीं मिली है।

उस वक्त प्रोजैक्ट की 48 मैगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता थी जो अब बढ़कर 110 मैगावाट हो गई है। इस हिसाब से मंडी का 18 से 20 फीसदी मुफ्त बिजली का हक बनता है लेकिन सरकार लोगों से हर महीने बिजली के पैसे वसूल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अफसर चला रहे हंै, उनको कुछ भी जानकारी नहीं है। स्थानीय विधायक प्रकाश राणा हैलीकॉप्टर में घूमते हैं, उनको धरातल की हकीकत का कुछ पता नहीं है। सरकार कर्जे पर कर्जा लिए जा रही है, जिसका बोझ हर हिमाचल वासी पर पड़ रहा है। इसलिए हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएगा और मंडी के लोगों को मुफ्त बिजली का हक दिलाएगा।

उन्होंने बताया कि 1926 में शुरू हुई 48 मैगावाट शानन बिजली परियोजना की 99 प्रतिशत बिल्डिंग जर्जर हालत में है। मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सेन ने ही मंडी के हक की लड़ाई लड़ी थी। आजादी से पहले लाहौर को रोशन करने वाले शानन बिजली प्रोजैक्ट की हालत आज बहुत खस्ता है। प्रोजैक्ट का संचालन पंजाब सरकार से छीन कर अब केंद्र सरकार के कब्जे में आ गया है जोकि हिमाचल को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शानन के हक को लेकर 25 हजार पैम्फलेट मंडी जिला में बांटे जाएंगे और लोगों को जोडऩे का काम किया जाएगा। मंडी जिला के लोगों को मुफ्त में बिजली दिलाने के लिए काम किया जाएगा। 25 दिसम्बर को रोहतांग टनल के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भी इस प्रोजैक्ट को हिमाचल सरकार को सौंपे जाने की मांग की जाएगी।

Vijay