Himachal: काष्ठ कुणी शैली से बनकर तैयार हुआ आदि ब्रह्मा का भव्य मंदिर, 40 देवी देवताओं ने लिया भाग
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 11:28 AM (IST)
कुल्लू (दिलीप)। जिला मुख्यालय के साथ लगती शीलीराजगिरी के रोउगी में देवता आदि ब्रह्म का भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ है, यह मंदिर कास्ट कुणी शैली से करोड़ों रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लगभग 40 देवी देवताओं ने शिरकत की। वही श्रद्धालुओं ने भी भारी संख्या में भाग लेकर देवी देवताओं से आशीर्वाद लिया तो वहीं ब्रह्म भोज का भी भोग लिया।
इस अवसर पर कुल्लू सदर की विधायक सुंदर सिंह ठाकुर और कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने भी शिरकत की और देवी देवताओं से आशीर्वाद लिया। वही नानक चंद ने बताया कि देवता आदि ब्रह्मा का मंदिर ढाई साल में बनकर तैयार हुआ है और यह देवता का गुप्त स्थान माना जाता है, और देवता का मूल स्थान खोखन में स्थित है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिन से इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि इस आयोजन के लिए कारकुन ने और समस्त हरियान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कुल्लू विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने बहुत कम समय में सड़क सुविधा को खोलकर लोगों श्रद्धालुओं को राहत दी, उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान यह सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था, ऐसे में आज भारी संख्या में श्रद्धालु ने यहां पर हाजिरी भरी। उन्होंने कहा कि 40 देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र दिया गया था, सभी देवी देवता हारयान देवते के गुंडी धड़छ के साथ पहुंचे थे।
वही कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है, और देवता ब्रह्मा के आशीर्वाद से हम भी यहां पर पहुंचे हैं, उन्होंने कहा कि देवता के आशीर्वाद से यहां पर भव्य भंडार गृह देवता का बनाया गया है, जिसके लिए देवी देवताओं के हरियान व स्थानीय जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि हमें भी यहां पर आने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि यह देवता का बहुत प्राचीन मंदिर है और देवता यहां पर आकर बैठते हैं और इसके साथ देवता का खोखन में भी मंदिर है। उन्होंने कहा कि आदि ब्रह्मा देवता की अपने आप में बहुत बड़ी विशेषता है और सभी लोगों के लिए अच्छा व्यवस्था की गई।
वही विकास कात्यायन देवता के पुजारी ने कहा कि आदि ब्रह्म को पांच गढ़ का देवता माना जाता है यहां पर देवता आदि ब्रह्म का भव्य मंदिर बनाया गया है उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की सहायता से पूरी व्यवस्था श्रद्धालुओं और देवी देवताओं के लिए की गई थी, उन्होनें कहा कि 40 के लगभग देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे थे, जिसमें सभी देवी देवता पहुंचे हुए थे उन्होंने कहा कि पांचगढ़ में इसी देवता की आशीर्वाद से कार्य किया जाता है।

