मंत्री के DO Note पर जारी ट्रांसफर ऑर्डर Highcourt ने किए रद्द, जानिए क्यों

Saturday, Aug 31, 2019 - 09:24 PM (IST)

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने रसायन शास्त्र प्रवक्ता के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के डीओ नोट के आधार पर जारी ट्रांसफर ऑर्डर को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री द्वारा जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया है जबकि हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों में पारित निर्णयों के दृष्टिगत डीओ नोट के आधार पर जारी स्थानांतरण आदेश कानूनन मान्य नहीं है।

मंत्री द्वारा जारी किए गए थे 2 डीओ नोट

याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 11 जुलाई को प्रार्थी सुरेंद्र कुमार को ऊना जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अरलू से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जोवार के लिए स्थानांतरित किया गया था। न्यायालय ने मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि इस स्थानांतरण के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री द्वारा 2 डीओ नोट क्रमश: 24 व 25 जून 2019 को जारी किए गए थे। शिक्षा मंत्री को भेजने के पश्चात ये डीओ नोट निदेशक हायर एजुकेशन को भेजे गए थे तथा मुख्यमंत्री की स्वीकृति लेने के पश्चात ट्रांसफर ऑर्डर पारित किए गए।

राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किए गए स्थानांतरण आदेश

न्यायालय ने यह भी पाया कि स्थानांतरण आदेश में यह जताने की कोशिश की गई थी कि स्थानांतरण आदेश प्रार्थी के खुद कहने पर किए गए हैं क्योंकि स्थानांतरण आदेश बिना ज्वाइनिंग समय व स्थानांतरण यात्रा भत्ते के किए गए थे। न्यायालय ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किए गए हैं और हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय के मुताबिक इस तरह के स्थानांतरण आदेशों को कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है। न्यायालय ने स्थानांतरण आदेशों को कानून के विपरीत पाते हुए रद्द कर दिया।

Vijay