हाईकोर्ट ने हाटियों को जनजातीय दर्जा देने से जुड़े कानून के अमल पर लगाई रोक

Thursday, Jan 04, 2024 - 11:15 PM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटीयों को जनजातीय दर्जा देने से जुड़े कानून के अमल पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने जनजातीय विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के 1 जनवरी, 2024 को जारी उस पत्र पर भी रोक लगा दी है, जिसके तहत उक्त क्षेत्र के लोगों को जनजातीय प्रमाण पत्र जारी करने बाबत जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी कर दिए गए थे। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि जब केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे को 3 बार नकार चुकी थी तो इसमें कानूनी तौर पर ऐसा क्या रह गया था कि केंद्र सरकार को सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी के लोगों को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए कानून बनाना पड़ा। 

यह मामला वर्ष 1995, 2006 व 2017 में ट्रांसगिरी क्षेत्र के लोगों को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिए जाने बाबत केंद्र सरकार के समक्ष भेजा गया था और केंद्र सरकार ने हर बार इस मामले को 3 प्रमुख कारणों से नकार दिया था। इन कारणों में एक तो उक्त क्षेत्र की जनसंख्या में एकरूपता का न होना बताया गया, दूसरा हाटी शब्द सभी निवासियों को कवर करने वाला एक व्यापक शब्द है जबकि तीसरा कारण था कि हाटी किसी जातीय समूह को निर्दिष्ट नहीं करते हैं। कोर्ट ने कानूनी तौर पर इन्हें जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया जाना प्रथम दृष्टया बाजिब नहीं पाया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना जनसंख्या सर्वेक्षण के ही उक्त क्षेत्र की जनजातीय क्षेत्र घोषित कर दिया गया। अलग-अलग याचिकाओं में यह दलील दी गई है कि वे पहले से ही अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। प्रदेश में कोई भी हाटी जनजाति नहीं है और आरक्षण का अधिकार हाटी के नाम पर उच्च जाति के लोगों को भी दे दिया गया जो कि कानूनी तौर पर गलत है। 

किसी भी भौगोलिक क्षेत्र को किसी समुदाय के नाम पर तब तक अनुसूचित जनजाति घोषित नहीं किया जा सकता जब तक वह अनुसूचित जनजाति के रूप में सजातीय होने के मानदंड को पूरा नहीं करता हो। देश में आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को पहले से ही मौजूदा कानून के तहत क्रमशः 15 और 27 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। एससी और एसटी अधिनियम में संशोधन के साथ ही हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के ट्रांसगिरि क्षेत्र के सभी लोगों को आरक्षण मिलना शुरू हो जाना था। इससे उन्हें उच्च और आर्थिक रूप से संपन्न समुदाय के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी और पंचायती राज और शहरी निकाय संस्थानों में अनुसूचित जाति समुदायों के स्थान पर अब एसटी समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितम्बर 2022 में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को आदिवासी दर्जा देने की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 4 अगस्त को जारी अधिसूचना के तहत ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया था।
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Content Writer

Vijay