गोबिंद सागर झील में दिखेगा हाई स्पीड मोटरबोट्स का नजारा, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार
punjabkesari.in Friday, Aug 20, 2021 - 11:49 PM (IST)

बंगाणा (शर्मा): पर्यटन की अपार संभावनाएं संजोए कुटलैहड़ क्षेत्र को पर्यटन के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। क्षेत्र में जहां पर गोबिंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू होने वाली हैं, वहीं पर घरवासड़ा और पीपलू धार से पैराग्लाइडिंग को भी हरी झंडी मिल गई है। इसी क्रम में गोबिंद सागर झील में जल्द ही हाई स्पीड मोटरबोट और वाटर स्कूटर दौड़ते नजर आएंगे। झील में पर्यटकों के लिए पैडल बोट्स और शिकारे इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने अंदरौली तथा लठियाणी में झील क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स और एलाइड एक्टीविटीज के लिए नोटिफाई कर दिया है।
ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर के प्रयास लाए रंग
ग्रामीण विकास पंचायती राज, कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर के प्रयासों से कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां शुरू होने के प्रयास रंग लाए हैं। जल, खेल और संबद्ध गतिविधियों की तकनीकी समिति ने इसके लिए तकरीबन डेढ़ माह पहले अपनी सिफारिश की थी, जिस पर संबंधित विभाग ने दोनों क्षेत्रों में वाटर स्पोर्ट्स और एलाइड एक्टीविटीज की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इससे अंदरौली और लठियानी में वाटर स्पोर्ट्स व जल क्रीड़ाओं की कमर्शियल तौर जल्द शुरूआत हो सकेगी। इस क्षेत्र में जलक्रीड़ाओं के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से पहले ही परमिशन मिल चुकी है। दोनों एरिया में 2-2 किलोमीटर तक गोबिंद सागर झील का प्रयोग वाटर स्पोर्ट्स के लिए किया जा सकेगा। इन गतिविधियों के शुरू होने से गोबिंद सागर झील आने वाले दिनों में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का जरिया भी बनेगी।
घरवासड़ा-पीपलू से उड़ते दिखेंगे मानव परिंदे
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुटलैहड़ क्षेत्र के घरवासड़ा में तकनीकी टीम ने सभी पहलुओं का जायजा लिया और वहां से पैराग्लाइडिंग की उड़ान भरने के लिए उपयुक्त स्थान पाया है। उन्होंने कहा कि यहां टेक ऑफ साइट व लैंडिंग साइट की अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे यहां पर पर्यटन की दृष्टि से पैराग्लाइडिंग का खेल आरंभ हो पाएगा। इसके उपरांत घरवासड़ा से पैराग्लाइङ्क्षडग का ट्रायल भी सफल रहा है, जिसकी लैंडिंग साइट अंदरौली में चिन्हित की गई है। इसके अलावा पीपलू धार से पैराग्लाइडिंग की साइट फाइनल की गई है, ऐसे में आने वाले समय में कुटलैहड़ की सोलहसिंगीधार तथा रामगढ़धार की शिखर से मानव परिंदे उड़ते दिखाई देंगे। अभी तक पर्यटकों को कांगड़ा जिले के बीड़ बिलिंग में जाना पड़ता था। ऐसे में कुटलैहड़ क्षेत्र में पर्यटन के प्रमोट होने से बेरोजगार युवाओं के लिए घर-द्वार पर रोजगार के अवसर मिलेंगे।
कुटलैहड़ में पर्यटन की हैं अपार संभावनाएं
भौगोलिक दृष्टि से कुटलैहड़ क्षेत्र का सौंदर्य शिवालिक पहाड़ियां हैं, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। चाहे सोलहसिंगीधार पर स्थित ऐतिहासिक किले हों, रामगढ़धार, तीर्थस्थल बह्मोती या फिर गोबिंद सागर झील से सटा एरिया जिनकी प्राकृतिक छटा बाहरी पर्यटकों को लुभाती है। हर साल पंजाब और अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ के दर्शनों लिए आते हैं जोकि थानाकलां से भाखड़ा से होकर प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी भी जाते हैं। कोविड महामारी की वजह से इन दिनों अभी पर्यटकों की आवाजाही कम है। इस क्षेत्र में पंजाब के पर्यटक वीकैंड पर पिकनिक मनाने आते हैं लेकिन झील से सटे दोनों किनारों पर बाहरी पर्यटकों को खानपान की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। आने वाले समय में जब वाटर स्पोर्ट्स एक्टीविटीज शुरू होंगी तो इस एरिया को पर्यटन के तौर पर नई पहचान मिलेगी।
पर्यटन के मानचित्र पर होगा कुटलैहड़
इस बारे कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुटलैहड़ पर्यटन के मानचित्र पर होने से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। गोबिंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स और एडवैंचर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए क्षेत्र के अंदरौली व लठियाणी में वाटर स्पोर्ट्स को मंजूरी मिल गई है। इससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों को वाटर स्पोर्ट्स के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग का रोमांच भी देखने को मिलेगा, जिससे बाहरी पर्यटक कुटलैहड़ की तरफ आकर्षित होंगे।
अनुभवी ऑप्रेटर्ज को दी जाएगी अनुमति
एटीडीओ रवि धीमान के मुताबिक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के पास जो अनुभवी ऑप्रेटर्ज अप्लाई करेंगे तथा पंजीकृत हैं, उनको कमर्शियल गतिविधियों के संचालन के लिए अनुमति दी जाएगी। ऑप्रेटर्ज को संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों को पूरा करना पड़ेगा। गौरतलब है कि लगभग 3 साल पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर के निर्देश पर कुटलैहड़ टूरिज्म डिवैल्पमैंट समिति का गठन किया गया था, जिसमें कुटलैहड़ में बाहरी पर्यटकों को लुभाने के लिए विस्तृत प्लान तैयार किया गया है। अंदरौली में वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स बनाने का प्रस्ताव है। झील में लठियाणी में भी पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।