बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला: पंजाब और हरियाणा से रिकॉर्ड कब्जे में लेकर लौटी CBI टीम

Wednesday, May 22, 2019 - 09:12 AM (IST)

शिमला (राक्टा): 250 करोड़ रुपए से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. की टीम ने पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा के जांच दायरे में आए निजी शिक्षण संस्थानों से अधिकतर रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। जांच टीम अहम रिकॉर्ड जुटाने के बाद वापस शिमला लौट आई है और संस्थानों से कब्जे में लिया रिकॉर्ड भी अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया है। सी.बी.आई. की एक टीम ने वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की छात्रवृत्ति से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। ऐसे में जांच अधिकारियों ने अब शिमला कार्यालय में रिकॉर्ड खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में जांच एजैंसी कुछ चेहरों पर शिकंजा भी कस सकती है। सूत्रों की मानें तो सी.बी.आई. की अब तक की जांच में घोटाले से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं जिसके आधार पर जांच एजैंसी ने आगामी कार्रवाई अमल में लाना शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार अब सी.बी.आई. की टीम शिमला पुलिस से भी छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा रिकॉर्ड लेगी। गौर हो कि छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में सबसे पहले एफ.आई.आर. दर्ज हुई थी।

इंश्योरैंस घोटाले में पूछताछ का दौर शुरू

उपडाकघर पालमपुर में हुए करोड़ों के इंश्योरैंस घोटाले में पूछताछ का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सी.बी.आई. की टीम ने मामले से जुड़े कुछ लोगों से शिमला कार्यालय में पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कृषि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली भी जांच दायरे में है। इसके साथ ही एक बैंक के तत्कालीन कर्मचारियों से भी पूछताछ किए जाने की सूचना है।

जांच दायरे में 22 निजी शिक्षण संस्थान

करोड़ों रु पए के छात्रवृत्ति घोटाले में 22 निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में हैं। सी.बी.आई. से प्राप्त सूचना के अनुसार संबंधित निजी शिक्षण संस्थान ऊना, करनाल, मोहाली, नवांशहर, अम्बाला, शिमला, सिरमौर, सोलन, बिलासपुर, चम्बा, गुरदासपुर व कांगड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित हैं। आरोप है कि निजी शिक्षण संस्थानों ने मिलीभगत कर प्रदेश के हजारों छात्रों के वजीफे डकारे। हालांकि जांच एजैंसी ने अभी संस्थानों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।


 

Ekta