बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला: पुलिस ने रिकॉर्ड कब्जे में लेना किया शुरू, नपेंगे कई संस्थान

Tuesday, Dec 04, 2018 - 11:22 AM (IST)

शिमला (राक्टा): बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में पुलिस ने शिक्षा विभाग से रिकार्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में पुलिस अब जल्द दायरे में चल रहे निजी संस्थानों से भी रिकॉर्ड तलब कर सकती है। सूबे के ही 26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान इस कथित घोटाले को लेकर शक के घेरे में हैं। सूत्रों के अनुसार करोड़ों रुपए के कथित स्कॉलरशिप घोटाले की प्रारंभिक जांच के अंतर्गत रिकार्ड खंगालने के बाद शिमला पुलिस निजी संस्थानों के प्रबंधकों को पूछताछ के लिए भी तलब कर सकती है।

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सरकार सी.बी.आई. को सौंपने की बात कह चुकी है, ऐसे में पुलिस जल्द से जल्द अपनी प्रारंभिक जांच को अमलीजामा पहना गृह विभाग को रिपोर्ट सौंप देगी ताकि मामले की जांच सी.बी.आई. के सुपुर्द की जा सके। सरकार ने पहले भी यह मामला जांच के लिए सी.बी.आई. को सौंपा था लेकिन औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण केंद्रीय जांच ब्यूरो ने केस वापस राज्य सरकार को भेज दिया था। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने गत 17 नवम्बर को शिमला में एफ.आई.आर.दर्ज भी करवाई। इसके बाद सरकार ने मामले की समीक्षा करने के बाद प्रारंभिक जांच का जिम्मा शिमला पुलिस को सौंप दिया था। ऐसे में शिमला पुलिस नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में ला रही है।

80 प्रतिशत बजट निजी संस्थानों में बांट डाला

कथित घोटाले की हुई विभागीय जांच में सामने आया है कि 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया, जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला। इसके साथ ही वर्ष 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई।

 

Ekta