बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला: CBI ने 8 लोगों से की पूछताछ

Tuesday, Oct 15, 2019 - 10:20 AM (IST)

शिमला (राक्टा): 250 करोड़ रुपए से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में पूछताछ का दौर जारी है। इसी कड़ी में सी.बी.आई. ने सोमवार को शिमला स्थित कार्यालय में 8 लोगों से पूछताछ की। इनमें जिला ऊना से जुड़े एक निजी संस्थान के 6 मौजूद और तत्कालीन कर्मचारियों के साथ ही राष्ट्रीयकृत बैंक के 2 अधिकारी शामिल बताए गए हैं। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सी.बी.आई. के हाथ संबंधित संस्थान द्वारा बरती गई अनियमितताओं के पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे हैं, ऐसे में जांच एजैंसी अब पूछताछ की प्रक्रिया अमल में ला रही है। सूत्रों के अनुसार अलग-अलग चरणों में हुई पूछताछ का दौर देर शाम तक चला। इस दौरान पूछताछ में शामिल हुए अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। 

करोड़ों रुपए से जुड़े इस घोटाले की छानबीन के तहत विभिन्न निजी शिक्षण संस्थानों, बैंकों और शिक्षा विभाग के कई तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी जांच दायरे में हैं। स्कॉलरशिप घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में भी कई निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि हड़पने के तथ्य सामने आ चुके हैं। जांच में पाया गया था कि वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। 

80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला। सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आया है कि बीते 4 साल में 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19,915 को 4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई। इसी तरह 360 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा है।

बयानों की हुई वीडियोग्राफी

सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. ने पूछताछ के दौरान सभी लोगों के बयानों की वीडियोग्राफी भी की। इस मामले में एक राष्ट्रीयकृत बैंक अधिकारी की भी भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। सूत्रों के अनुसार छानबीन में संबंधित अधिकारी के खिलाफ कई तथ्य जांच एजैंसी को हाथ लगे हैं।

Ekta