एक ऐसा देवस्थान जहां वाहनों की नंबर प्लेट व कलपुर्जे चढ़ाने पर कभी नहीं होती दुर्घटना

Sunday, Jan 12, 2020 - 06:37 PM (IST)

करसोग (धर्मवीर गौतम): देवभूमि हिमाचल में पग-पग पर देवता निवास करते हैं और जनता की इनमें अगाध आस्था होती है। हर कार्य देवताओं के आदेश से किया जाता है। देवी-देवता हिमाचल की संस्कृति के मूल आधार हैं। करसोग से लगभग 25 किलोमीटर दूर करसोग छतरी मार्ग पर नगैलड़ी के पास सड़क के बिल्कुल साथ ऐसा देव स्थान है जहां देवता पेड़ों में बास करते हैं। मान्यता के अनुसार ग्रामीण इन्हें वनशीरा देवता के नाम से पूजते हैं। एक तरफ जहां देवता को जंगल का राजा कहा जाता है, वहीं यह जंगलों की सुरक्षा भी करते हैं। ग्रामीणों का भी बुरे वक्त में पूरा साथ देते हैं।

वाहन चालकों के मन में है देवता का विशेष स्थान

वनशीरा देवता इलाके के वनों की रक्षा करते हैं। वनंशीरा देवता जहां आम जनता के लिए बेहद आस्था के प्रतिक हैं तो वहीं वाहन चालकों के मन में उनके लिए विशेष स्थान है। उनकी मान्यता है कि देवता सड़क पर दुर्घटनाओं से हमारी व वाहनों की भी सुरक्षा करते हैं। यहां से गुजरने वाला हर चालक यहां नतमस्तक होकर गुजरता है तथा हर चालक यहां धूप बत्ती भी करता है। देवता में भारी आस्था के चलते यहां वाहनों के टूटे-फूटे कलपुर्जे व गाड़ियाें की नंबर प्लेट लगाई जाती हैं। यह मान्यता है कि इन्हेंचढ़ाने से वाहनों को किसी भी प्रकार के खतरे का अंदेशा नहीं रहता तथा सुरक्षा की पूरी गारंटी होती है।

जोगनी माता के मंदिर में आज तक नहीं लगी छत

इसके साथ ही जोगनी माता का मंदिर भी है जहां आज तक छत नहीं लगाई गई है माता यहां खुले में ही रहना पसंद करती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वनशीरा देवता के प्रति लोगों में भारी आस्था है और यहां से आने-जाने वाला हर चालक यहां पर रुकता है और माथा टेकता है तथा वाहन के कलपुर्जे चढ़ाकर देवता से सुरक्षा की प्रार्थना करता है और देवता भी उसकी पूरी सुरक्षा करते हैं।

Vijay