यहां लोकमित्र संचालक ऐसे कर रहे लोगों की सेहत से खिलवाड़, पढ़ें पूरी खबर
punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2017 - 07:37 PM (IST)

मंडी: हिमाचल में लोकमित्र केंद्र के संचालक अब धड़ल्ले से फूड लाइसैंस बनाने का कार्य भी कर रहे हैं, जिससे फर्जी लाइसैंस बनने की आशंका बढ़ गई है। बता दें कि आवेदनकर्ता लोकमित्र केंद्र से ऑनलाइन आवेदन का प्रिंट निकालकर सीधे बिना संबंधित डैजिग्नेटिड अधिकारी से सर्टीफिकेशन किए उन्हें अपनी दुकानों में चिपका रहे हैं जो नियमों के खिलाफ है। विभाग को जानकारी मिली है कि प्रदेश के कई स्थानों में लोकमित्र केंद्र के दुकानदार ही लोकमित्र केंद्र से लोगों को फूड लाइसैंस मुहैया करवा रहे हैं। ऐसा करने से हिमाचल में खाद्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
जिला में ऐसे कई मामले
मंडी जिला में भी ऐसे कई मामले आए हैं जहां पर दुकानदारों ने अपनी दुकानों में लोकमित्र केंद्र द्वारा दिए गए फूड लाइसैंस लगाए हैं। हालांकि लोकमित्र केंद्र में केवल फूड लाइसैंस बनाने के लिए आवेदन किया जा सकता है लेकिन यहां पर लोकमित्र केंद्र के दुकानदार ही अधिकारियों का काम कर रहे हैं, जिस कारण खाद्य सुरक्षा की कोई देखरेख नहीं रह गई है। हालांकि फूड लाइसैंस में विभाग की मोहर व डी.ओ. के हस्ताक्षर होने चाहिए लेकिन यहां बिना किसी हस्ताक्षर व मोहर के ही लोगों ने दुकानों में फूड लाइसैंस लगाए हैं।
प्रदेश में केवल एकमात्र फूड इंस्पैक्टर
पहले से ही हिमाचल प्रदेश में केवल एकमात्र ही फूड इंस्पैक्टर है जिस कारण खाद्य सुरक्षा का सारा जिम्मा एकमात्र फूड इंस्पैक्टर के पास है। हालांकि विभाग द्वारा हर जिला के लिए डी.ओ. नियुक्त किए गए हैं लेकिन फूड इंस्पैक्टर न होने के कारण डी.ओ. को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे जिला का कार्यभार केवल एक डी.ओ. के हवाले है। जहां पर हर ब्लाक में एक फूड इंस्पैक्टर होना चाहिए वहां केवल चम्बा जिला में ही एकमात्र फूड इंस्पैक्टर अपनी सेवाएं दे रहा है। फूड सेफ्टी द्वारा हाल ही में पशु पालन विभाग के चिकित्सकों को फूड इंस्पैक्टर नियुक्त किया था लेकिन अब तक उन्होंने भी अपना कार्यभार नहीं संभाला है जिस कारण खाद्य सुरक्षा की कोई सुरक्षा नहीं की जा रही है।
लोकमित्र केंद्र को फूड लाइसैंस देने की अनुमति नहीं
हिमाचल प्रदेश के फूड एंड सेफ्टी विभाग के डायरैक्टर कै. रमन कुमार शर्मा ने बताया कि लोकमित्र केंद्र को फूड लाइसैंस देने की अनुमति नहीं है। प्रदेश में ऐसे कई जिलों से मामले सामने आए हैं जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।