भारी बर्फबारी से 50 से अधिक पंचायतें कटी, पहाड़ियों की ओर न जाने का अलर्ट जारी

Friday, Nov 16, 2018 - 01:14 PM (IST)

मंडी/गोहर/जंजैहली: हिमाचल के मंडी जिला की 50 से अधिक पंचायतों में भारी बर्फबारी हुई, जिससे वीरवार को दिनभर इन पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा रहा। करीब 200 से अधिक गांव बर्फबारी की चपेट में आए और शीतलहर से पूरे जिला में भीषण ठंड का प्रकोप रहा। जिला प्रशासन ने भी बुधवार को ही अलर्ट जारी कर दिया था कि कोई जंजैहली और पराशर की पहाडिय़ों की ओर न जाए। नवम्बर माह में हुई इस सीजन की पहली भारी बर्फबारी ने ग्रामीणों को अभी से संकट में डाल दिया है लेकिन किसान-बागवान इस बर्फबारी से फूले नहीं समा रहे हैं। करीब एक दशक बाद इतनी भारी बर्फबारी इन पंचायतों में नवम्बर माह में दर्ज की गई है। बर्फबारी से कई इलाकों में हरे मटर की खेती तबाह हो गई है, जिसका मार्कीट में अभी रेट 100 रुपए प्रति किलो चल रहा है। हालांकि जिला में सेब कारोबार खत्म हो चुका है लेकिन अभी पेड़ों में रस होने की वजह से पेड़ों को बर्फ से नुक्सान हुआ है। 


वीरवार सुबह नहीं गईं तय रूटों पर बसें
वीरवार सुबह कुल्लू डिपो के तहत मंडी की सीमा में चलने वाले करीब एक दर्जन रूटों पर बसें नहीं चल पाईं जबकि दोपहर बाद जैसे ही मौसम खुला तो बसें अपने निर्धारित रूट पर चलीं। नाचन और सराज के निचले इलाकों में जमकर बारिश हुई है।


यहां हुई बर्फबारी
शिकारी देवी, कमरूनाग, देवीदहड़, तुंगासीगढ़, भाटकीधार, लेहगला, छतरी, कलहनी, कुलथनी, शिल्लीबागी, जंजैहली, बगड़ाथाच, रैनगलु, शैटाधार, देवकांडा सपैहणीधार, चुंजवाला, थाची, नारायणगढ़, गरहलहस और गाड़ागुशैणी आदि क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, वहीं गोहर, चच्योट, शाला, तुना, चैलचौक, नौण, धंग्यरा, धिस्ती, मौवीसेरी, सेगली, बुराहटा, बैला, सेगलागलू, स्यांज, छपराहण, नांडी, बासा, देलगटीकरी, कुटलाखंडुला, बस्सी, देवधार, मझोठी, खारसी, कांढा, बगस्याड़, कुटाहची, कुकड़ीगलू, सुक्कीबांई और किलिंग आदि स्थानों पर जमकर बारिश हुई है।

क्या बोले किसान-बागवान 
किसानों-बागवानों में लाभ चंद शर्मा, धमेश्वर दत्त, बलवीर सिंह, नागेश्वर सिंह, हेम सिंह, गोकल चंद, विद्यासागर, डोमन सिंह, ज्ञान चंद भारती, जीवन लाल, चमन ठाकुर, यदुपति व तुलसी राम आदि का कहना है कि निचले क्षेत्र में हुई रबी की फसल की बिजाई के लिए बड़ी सौगात प्राप्त हुई है। उनका कहना है कि ऊपरी इलाकों में जो समय से पूर्व भारी बर्फबारी हुई, वह बागवानों के लिए सोने पे सुहागा है जबकि मटर की फसल के लिए नुक्सानदायक है।

Ekta