ऊपरी शिमला में ओलावृष्टि का कहर, सेब, मटर और फूलगोभी की फसल तबाह

Wednesday, Apr 15, 2020 - 08:46 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): ऊपरी शिमला के कई क्षेत्रों में बुधवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। ओलावृष्टि के कारण सेब, मटर और फूलगोभी की फ सल को भारी नुक्सान हुआ है। फ्लावरिंग स्टेज पर हुई ओलावृष्टि से सेब के पौधों के सारे फूल झड़कर जमींदोज हो गए हैं। जिन बागवानों ने अपने बगीचों में एंटी हेलनैट नहीं लगा रखे थे, उनकी 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल तबाह हो गई है। शिमला जिला के कुफरी, छराबड़ा, फागू, गलू, चियोग, टियाली व आसपास के दर्जनों गांव में ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है। इससे सेब के साथ-साथ खेतों में तैयार मटर की फसल को भी नुक्सान हुआ है।

किसानों को बीमारियां लगने की सताने लगी चिंता 

फूलगोभी की फसल भी टियाली व आसपास के क्षेत्रों में 20 से 25 दिन के बाद तैयार होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही ओलावृष्टि ने फूलगोभी की फसल को भी भारी नुक्सान पहुंचाया है। इसके बाद मटर और फूलगोभी की फसल में किसानों को बीमारियां लगने की चिंता अभी से सताने लगी है। वहीं ओलावृष्टि के बाद तापमान में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है, जो खासकर सेब की फसल के लिए बेहद नुक्सानदायक साबित होगी। प्रदेश के 6000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में इन दिनों सेब के बगीचे फूलों से लकदक हैं।

क्या कहते हैं बागवान

चियोग के बागवान एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य सोहन ठाकुर, दिनेश जाग्टा, रामेश्वर शर्मा और टियाली के मोहन शर्मा ने बताया कि दोपहर बाद करीब 4 बजे हुई ओलावृष्टि से सेब के बगीचों में सारे फू ल झड़ गए हैं। इसके बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे अच्छी सैटिंग नहीं हो पाएगी। उन्होंने बताया कि सेब सहित मटर और फूलगोभी को भी ओलावृष्टि से काफी नुक्सान हुआ है। उन्होंने प्रदेश सरकार से फ सलों को हुए नुक्सान का आकलन करके प्रभावित किसानों व बागवानों को मुआवजा देने की मांग की है।

Vijay