व्यापारियों के हाथों लुट रहे ग्रामीण, गुच्छियों के नहीं मिल रहे चोखे दाम

Monday, May 27, 2019 - 11:48 AM (IST)

गोहर (ख्याली राम): इस बार ग्रामीणों को गुच्छी के ग्राहक नसीब नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गुच्छी के भाव में करीब 7,000 रुपए तक प्रति किलो के हिसाब से गिरावट दर्ज की गई है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने मंडी में जनता को संबोधित करते हुए गुच्छी को अलग पहचान दिलवाने को लेकर हामी भरी और उन्होंने गुच्छी को अपनी फेवरेट डिश बताकर लोगों को एक नई किरण का एहसास करवा दिया था मगर अभी तक ग्रामीणों को न तो गुच्छी के सही दाम मिल रहे हैं और न ही ग्राहक नसीब हो रहे हैं। औषधीय गुणों से भरपूर गुच्छियां लेकर बेचने आने वाले ग्रामीणों को व्यापारियों द्वारा ठगा जा रहा है। ग्रामीणों ने सर्दी के मौसम में जंगलों में जाकर गुच्छियां खोज कर एकत्रित कर रखी हैं, जिन्हें सराज के कुथाह मेले में बेचने के लिए लाया जा रहा है लेकिन वहां उन्हें इसके अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। 

ग्रामीणों की मानें तो इस बार उन्हें गुच्छियों के दाम 5,000 रुपए किलो मिल रहे हैं। अप्रैल-मई माह में प्रदेश के कई क्षेत्रों में गुच्छियों की खरीद-फरोख्त के लिए गांव-गांव घरों में व्यापारियों का जमावड़ा लगा रहता है, वहीं गुच्छियों के कारोबार को लेकर प्रदेश भर में कई मेलों का आयोजन निरंतर होता रहा है, जिनमें कुल्लू के सैंज, आनी, रामपुर और मंडी के कुथाह शामिल हैं। कुथाह में आयोजित चौथे मेले में अभी तक ग्रामीण व्यापारियों की राह ताक रहे हैं और जो व्यापारी आए हैं, वे अच्छे दाम नहीं दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गुच्छियों की अच्छी खासी मांग रहती है, जिसके चलते इनके 25 से लेकर 30 हजार रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से भी दाम मिलते हैं।

बड़े बाजारों से 3 गुना कम मिल रहे हैं दाम

जंजैहली घाटी के ग्रामीण बलदेव, राम लाल, राज कुमार, सुरेंद्र पाल, दुनी चन्द, सरला देवी, सुरेश कुमार, रजनीश और मोहर सिंह का कहना है कि 2 साल पहले उन्हें गुच्छियों के दाम 15,000 व पिछले साल 10 से 12,000 रुपए तक मिले थे परंतु इस बार यह कारोबार पूरी तरह से पिटता हुआ नजर आ रहा है, जिस कारण गुच्छियों की कीमत सिर्फ 5 से 6,000 रुपए तक गिरकर गई है।

दिल की बीमारी नहीं होती

विशेषज्ञों का कहना है कि गुच्छियां औषधीय गुणों से भरपूर है और इसके नियमित सेवन करने से दिल की बीमारी नहीं होती और यहां तक कि दिल के मरीज को इसके उपयोग से फायदा मिलता है क्योंकि गुच्छी में विटामिन बी और डी के अलावा सी और के प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। हालांकि गुच्छियां खासकर सब्जी के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं जबकि कई बार इसका इस्तेमाल औषधियां बनाने के लिए भी किया जाता है। इस जड़ी-बूटी को कई कंपनियां और व्यापारी खरीदकर बड़े होटलों में बेचते हैं और विदेशों में भी गुच्छियों की मांग रहती है।

Ekta