टास्क फोर्स बनाकर नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने की तैयारी : गोविंद

punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 08:44 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): देश में स्वतंत्रता के बाद नई शिक्षा नीति के रूप में ऐसी शिक्षा नीति आई है, जोकि राष्ट्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में हि.प्र. समाज शास्त्र सोसायटी के सौजन्य से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय जीवन दर्शन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति से मातृभाषा को बढ़ावा मिलेगा और अपनी भाषा में सोच-विचार करने से छात्रों का अधिक बौद्धिक विकास होगा। नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स बनाकर इसे धरातल पर लागू करने की दिशा में कार्य जारी है।

PunjabKesariउन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के रोल मॉडल हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से ई-पी.टी.एम. करके प्रदेश के स्कूलों में अध्ययनरत 92 फीसदी अभिभावकों से उन्होंने व्यक्तिगत संवाद किया है। उन्होंने इस सैमीनार में उपस्थित प्रतिभागियों को कोविड-19 से बचाव बारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शपथ दिलवाई। उन्होंने आग्रह किया कि स्कूल-कालेज खुलने पर स्थानीय स्तर पर ऐसी शपथ बनाई जाए जो कक्षाओं में विद्यॢथयों को दिलवाई जाए।

9वीं कक्षा से शुरू होना चाहिए समाज शास्त्र विषय : हंसराज
इससे पहले विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज ने बतौर विशिष्टातिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज शास्त्र विषय समाज को जानने-समझने का कारगर माध्यम है। उन्होंने कहा कि परिवार समाज की प्रथम इकाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है कि पहले वह सामाजिक प्राणी बने। उन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग की कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और स्कूलों में 9वीं कक्षा से समाज शास्त्र विषय को शुरू किया जाए। हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि ऐसे अकादमिक कार्यक्रमों में मंथन के बाद निकले निष्कर्ष विकास का आधार बनते हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का लाभ जहां छात्रों को मिलेगा, वहीं आगे चलकर ये छात्र देश के विकास में अपना योगदान देंगे।

परिवर्तन की प्रक्रिया निरंतर : सक्सेना
सैमीनार के बीज वक्ता डा. आर के. सक्सेना ने अपने बीज वक्तव्य में कहा कि समाज शास्त्र कहता है कि परिवर्तन की प्रक्रिया निरंतर है और परिवर्तन की इस सतत प्रक्रिया से विकास संभव है। इससे पूर्व महाविद्यालय की प्राचार्य डा. अंजू बत्ता सहगल ने कालेज में चल रहीं गतिविधियों की जानकारी दी। सैमीनार के आयोजक सचिव डा. अमरजीत लाल अत्री ने इस सैमीनार के परिपे्रक्ष्य पर प्रकाश डाला। समाज शास्त्र सोसायटी की अध्यक्ष डा. रुचि रमेश और महासचिव डा मोहिंद्र सलारिया ने समाज और समाज शास्त्र के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का विवरण रखा।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Kuldeep

Recommended News

Related News