हिमाचल में 10 करोड़ से 100 स्वच्छता कैफे स्थापित करेगी सरकार

Sunday, Oct 25, 2020 - 11:57 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में 10 करोड़ रुपए की लागत से 100 स्वच्छता कैफे स्थापित किए जाएंगे। सरकार ने वर्ष 2023 तक स्वच्छता कैफे स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। चालू वर्ष के तहत राज्य के महत्वपूर्ण स्थानों पर 10 स्वच्छता कैफे खोलने का लक्ष्य रखा है ताकि वित्त वर्ष के अंत तक विभिन्न भागों से 25 टन का एकल उपयोग प्लास्टिक एकत्रित किया जा सके। यह प्लास्टिक प्रदेश को स्वच्छ, हरा-भरा तथा प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने यह जानकारी दी है।

ग्राम हाट योजना के तहत निर्मित होंगे स्वच्छता कैफे

उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छता कैफे ग्राम हाट योजना के तहत निर्मित किए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वच्छता कैफे अभियान भी चलाया गया है। इसके तहत कूड़ा एकत्रित करने वालों, घर से कूड़ा एकत्रित करने वालों तथा शहरी स्थानीय निकायों से 75रु पए प्रति किलो की दर से प्लास्टिक कचरा, खाद्य व अन्य खाद्य सामग्रियों के बदले में क्रय किया जा रहा है। इसके माध्यम से कूड़ा एकत्रित करने वालों और लोगों को अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ -सुथरा रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गांवों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना है उद्देश्य

इन कैफे को व्यावसायिक तरीके से चलाने, आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने और स्थानीय ग्राहकों में रु चि पैदा करने के लिए आगामी 3 वर्षों के दौरान स्वयं सहायता समूहों से संबंधित 5000 महिलाओं को सत्कार क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य आगामी वर्षों के दौरान गांवों को सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह मुक्त करना है। आगामी वर्षों के दौरान यह योजना चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में लागू की जाएगी।

इस वर्ष 100 महिलाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित

स्वच्छता कैफे चलाने वाली महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजनों को पकाने और व्यंजनों का स्वाद बनाए रखने में प्रशिक्षित हो सकें। योजना के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान लगभग 100 महिलाओं को सत्कार विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

नालागढ़ में खुला पहला स्वच्छता कैफे

पहला स्वच्छता कैफे का लोकार्पण सोलन जिला के नालागढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत रडियाली में किया गया है। इसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा चलाया जाएगा और एक अन्य कैफे कुल्लू जिला के नग्गर में खोला जाएगा। इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति प्लास्टिक का अधिक कचरा लाता है तो वह अगली बार कैफे में भोजन के लिए अतिरिक्त पैसों का इस्तेमाल कर सकता है।

स्थानीय व्यंजनों के प्रचार पर विशेष बल

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण तथा स्थानीय व्यंजनों के प्रचार पर भी विशेष बल दे रही है। इसके साथ ही महिलाओं को औषधीय पौधे जैसे गिलोय, पुदीना, नीम पाऊडर तथा अचार, मुरब्बा, गेहूं का आटा, दालें, मसाले व सब्जियां इत्यादि को उचित मूल्य पर बेचने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें।

 

Vijay