प्रदेश के अध्यापक बंटे गुटों में ,पढ़ाई छोड़ राजनीति में मशगूल

Tuesday, Nov 26, 2019 - 04:14 PM (IST)

शिमला(तिलक): हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ में गुटबाजी चरम पर है। संघ दो गुटों में बंट गया है संघ के एक गुट के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान तो दूसरे गुट के अध्यक्ष नरेश महाजन है।नरेश महाजन ने दावा किया है कि उनका धड़ा ही असली राजकीय अध्यापक संघ है।शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के बजाए आपस मे उलझे हुए है ऐसे में बच्चों का भविष्य भी दांव पर है। संघ के दूसरे गुट के अध्यक्ष नरेश महाजन ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया कि वीरेंद्र चौहान ने अध्यापक संघ को अपनी निजी कंपनी बना दिया था।

2016 से 2019 तक चौहान के संगठन विरोधी फैसलों को भी प्रस्ताव पारित कर निरस्त कर दिया गया। वीरेंद्र चौहान को संगठन से बर्खास्त करने के प्रस्ताव के साथ ही प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को यह सूचना देने का निर्णय लिया गया है। मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है। निवर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान को संगठन विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोपों के चलते संगठन से 6 वर्ष के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी संगठन से प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।

वीरेंद्र चौहान 16 लाख रुपए के गबन का आरोप दूसरे गुट पर लगा रहे हैं जबकि दूसरे गुट के अध्यक्ष नरेश महाजन ने उल्टा वीरेंद्र चौहान पर 11 जिलों के अध्यापकों की सदस्यता शुल्क वीरेंद्र चौहान के पास है जबकि पैसों को डकारने का आरोप दूसरे गुट पर लगाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि संघ आज मुख्यमंत्री से 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मिलेगा।जिसमें अध्यापकों से गैर शिक्षण कार्य न करवाये जाए ,पहली से 5वीं तक पांच अध्यापक दिए जाएं, जेबीटी से बोझ कम किया जाए और स्कूलों को नर्सरी टीचर दिए जाएं और 4 प्लस 4 सिस्टम को स्कूल में लागू करने, न्यू पेंशन स्कीम में आने वाले अध्यापकों को केंद्र तर्ज पर अपाहिज होने पर बेनिफिट दिए जाएं।

kirti