पढ़िए, सरकारी दावों और हकीकत में अंतर

Tuesday, Jul 09, 2019 - 10:20 AM (IST)

शिमला(योगराज): बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की बात करने वाली प्रदेश सरकार बेटियों की शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा शिमला सचिवालय पहुंचे खून्नी पंचायत के लोग अपनी जुबानी बयां कर रहे हैं। सरकार स्कूलों में अध्यापकों की कमी न होने के दावा तो करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शिमला के ननखड़ी रामपुर ब्लॉक के खून्नी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पिछले कई वर्षों से प्रिंसिपल समेत 7 अध्यापक नहीं है। जिसकी वजह से लोगों के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। लोगों ने 6 बार सरकार से स्कूल में अध्यापक भरने की मांग भी की। लेकिन सरकार ने लोगों की बात को गंभीरता से नहीं लिया।

एसएमसी अध्यक्ष हुकम चंद ने बताया कि स्कूल में चार लेक्चरर,दो टीजीटी ,दो पीजीटी और प्रिंसीपल नहीं है। स्कूल में 117 बच्चों का भविष्य दाव पर है। सरकार लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है चार पंचायतों के बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। वहीं डेपुटेशन में आये अभिभावकों ने बताया कि सरकार से हर बार अध्यापक भेजने का आश्वासन मिलता है लेकिन अभी तक एक भी अध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है।मेडिकल के बच्चों को स्कूल बदल कर दूसरी जगह एडमिशन लेनी पड़ रही है।

चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2019 के चुनाव के लिए काम करो उसके बाद सरकार जल्दी अध्यापकों को भेज दिया जाएगा। चुनाव में लोगों ने पंचायत से भाजपा को लीड दी है बावजूद इसके मुख्यमंत्री लोगों की मांग पर गौर नहीं कर रही है। सरकार अध्यापकों की कमी न होने के बहुत दावे करती है। लेकिन स्कूलों में अभी भी अध्यापकों की भारी कमी चल रही है। खून्नी स्कूल के साथ-साथ हाई स्कूल खड़ाहन में भी पिछले कई सालों से चार अध्यापक नहीं है।

 

kirti