COVID-19 से निपटने को सरकार ने क्या-क्या उठाए कदम, हाईकोर्ट को दी जानकारी

Thursday, Dec 10, 2020 - 11:25 PM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश को कोविड-19 महामारी से बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से हाईकोर्ट को शपथ पत्र के माध्यम से अवगत करवाया गया है। यह शपथ पत्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में दायर किया गया है। हाईकोर्ट ने 3 दिसम्बर को विस्तृत आदेश जारी कर कोविड महामारी से रोकथाम व इसके प्रभाव कम करने के लिए जुड़े जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रदेश के डैडिकेटिड कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।

शिमला व टांडा के कोविड अस्पतालों के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलैंडर खरीदे जा रहे हैं। नेरचौक, टांडा, शिमला, धर्मशाला, नाहन, हमीरपुर व चम्बा के प्रमुख 7 अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं और इनका आधारभूत ढांचा जनवरी से बनाना आरंभ कर दिया जाएगा। कोविड से जुड़ी सेवाएं देने वाले तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 200 रुपए प्रति शिफ्ट इंसैंटिव देने का फैसला लिया गया है। घर-घर जाकर लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक करने का अभियान 25 नवम्बर से हिम सुरक्षा योजना के तहत चलाया गया है।

बसों में यात्रियों की संख्या को 50 फीसदी किया गया है और सप्ताह में 5 दिन का कार्य दिवस व एक दिन शनिवार को वर्क फ्रॉम होम शुरू किया गया है। 35 हजार से अधिक मास्क संबंधी निर्देशों के उल्लंघन से जुड़े चालान किए गए हैं और डेढ़ करोड़ रुपए की जुर्माना राशि वसूली गई है। अस्पतालों में कोविड मरीजों से संपर्क के लिए इंटरकॉम सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मरीजों को अपने सगे-संबंधियों से संपर्क बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा
रहा है।

उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से यह जानकारी जनहित से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट को दी गई। हाईकोर्ट ने पिछले आदेशों में राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी वरिष्ठ डाक्टर कोविड-19 वार्डों का नियमित तौर पर दौरा करते रहे। राज्य सरकार को तरल ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बाबत निर्णय लेने के भी आदेश जारी किए गए हैं।

Vijay