सरकार की फ्री स्कूल ड्रैस की हो गई ‘धुलाई’, बैग ने भी कयामत ढाई

Saturday, Nov 02, 2019 - 04:59 PM (IST)

सरकाघाट (ब्यूरो): सरकारी विद्यालयों में बच्चों को वितरित की जा रही नि:शुल्क स्कूली वर्दी व स्कूल बैग योजना सवालों में घिर गई है। आरोप है कि बच्चों को ये स्कूली वर्दी 2 वर्ष बाद मिली है और पिछला साल तो बिना स्कूली वर्दी के ही निकल गया लेकिन इस बार जो स्कूली वर्दी आबंटित की गई है वह बेहद ही घटिया क्वालिटी की है। एक ही धुलाई के बाद पैंट व कमीज का कपड़ा खराब हो रहा है, वहीं जो स्कूल बैग बच्चों को आबंटित किए जा रहे हैं उनकी न तो कोई गुणवत्ता है और न ही कोई पैमाना। छठी कक्षा के विद्यार्थियों को आबंटित बैग इतने छोटे साइज के हैं कि इनमें आधी किताबें ही आ सकती हैं, जिससे बच्चे परेशान हैं।

गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों व अभिभावकों से भद्दा मजाक

सरकाघाट ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य कोट वार्ड सचिन वर्मा ने कहा कि सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा मुफ्त के नाम पर दी जा रही ये चीजें प्रदेश के गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों व अभिभावकों से एक भद्दा मजाक है। एक तरफ  जहां इन चीजों को मुफ्त देने के नाम पर प्रदेश सरकार वाहवाही लूट रही है, वहीं सच्चाई यह है कि स्कूली वर्दी की क्वालिटी बेहद घटिया है।

बैग्स और वर्दियों की जांच न की तो सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस

उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि स्कूली वर्दी व स्कूल बैग की खरीद को क्या बिना जांच-परख किए ही हरी झंडी दे दी गई। यह एक जांच का विषय है। इसमें कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सचिन वर्मा ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर छात्रों के स्कूल बैग्स और वर्दियों की घटिया किस्म की जांच नहीं की गई तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगी।

Vijay