टीचर बनने का सुनहरा अवसर, यहां निकली है जॉब्स

Thursday, Dec 20, 2018 - 11:01 AM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश विश्वविद्यालय में गैस्ट टीचरों की नियुक्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियम के तहत करवाने को लेकर दायर याचिका में विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि आने वाली शीतकालीन छुट्टियों में फैकल्टी की कमी से जूझ रहे विभागों में अनुबंध अथवा स्टॉप गैप अरेंजमैंट के तहत शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि फरवरी-मार्च, 2019 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में अध्यापकों की कमी न रहे। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में नियमित नियुक्तियां सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार की जाएंगी और अनुबंध अथवा स्टॉप गैप अरेंजमैंट के तहत भर्ती शिक्षकों का नियमितीकरण पर कोई अधिकार नहीं रहेगा। 

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने विश्वविद्यालय को आदेश दिए कि जो भी शिक्षक भरे जाएं, वे यू.जी.सी. दिशा-निर्देशों के तहत न्यूनतम वांछित योग्यता रखते हों। नियुक्तियां जैसे भी की जाएं, परंतु वे योग्य अभ्यर्थियों में मैरिट के आधार पर होनी चाहिए। कोर्ट ने प्रार्थी धर्मपाल सिंह द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ने विश्वविद्यालय में अध्यापकों की नियुक्तियों में धांधलियों का आरोप लगाया था। प्रार्थी ने विश्वविद्यालय में होने वाली भर्तियों को किसी निष्पक्ष एजैंसी से करवाने का आग्रह भी किया था। हाईकोर्ट के दखल के पश्चात ही डीन ऑफ स्टडीज की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने स्टॉप गैप अरेंजमैंट के तहत शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया। ये भर्तियां उन्हीं विभागों में की जाएंगी, जिनमें स्वीकृत पदों की संख्या में से 50 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं।

Ekta