स्वर्ग प्रवास से लौटे देवता, मोहिनी रूपी बीठ पकड़ने को हुई छीना-झपटी

Sunday, Feb 17, 2019 - 09:40 PM (IST)

मंडी (नीरज): मंडी-कुल्लू सराज के आराध्य देवता ऋषि मारकंडे के सम्मान में तीसरे वर्ष मनाया जाने वाला ऐतिहासिक कंढेरी बीठ रविवार को धूमधाम से मंगलौर पंचायत में मनाया गया। इस मौके पर दिन भर सराजी नाटी का दौर चला और शाम को भगवान विष्णु को समर्पित बीठ गंदम के हरे भरे खेत में नचाया गया और उसे फिर देवता के आदेश पर देवलुओं के बीच फैंका गया। इस दौरान बीठ नचाने के लिए खेत में आदि ब्रह्मा मंदिर के आगे 7 फेरे लगाए गए और हजारों की संख्या में आए लोग इस मेले के गवाह बने। देवलुओं ने देवता और बीठ के आगे नाच-गाकर खूब मनोरंजन किया।

देवता आदि ब्रह्मा को समर्पित है बीठ

देवता के कारदार शास्त्री जीवन चंद ने बताया कि यहां यह बीठ देवता आदि ब्रह्मा को समर्पित है, जिसमें यहां के आराध्य देवता मारकंडे की देव परम्पराओं का निवर्हन किया जाता है। यह बीठ बिष्णु भगवान का मोहिनी रूप होता है जो वोदी फूल से तैयार किया गया होता है। इसकी पूरी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसको पकडऩे वाले को देवता अपना वरदान देता है और उसके बदले पकडऩे वाला देवता के हारियानों को धाम खिलाता है।

देवता के स्वर्ग प्रवास से लौटने के बाद मनाया जाता है पर्व

यह पर्व देवता के स्वर्ग प्रवास से लौटने के बाद मनाया जाता है, जिसमें देवता अपना आशीर्वाद सब हारियानों को देता है। इस दौरान बीठ पकड़ने के लिए सैकड़ों देवलुओं में काफी छीना-झपटी भी होती है लेकिन यहां नियम है कि जो देवता को मानता है उसको ही बीठ पकड़ने की अनुमति होती है। इस बार बीठ काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दिन भर नाटी का दौर चला और शाम को हर घर में मेहमाननवाजी हुई।

Vijay