प्रदेश का आम बजट निराशाजनक: वीरभद्र सिंह

Friday, Mar 06, 2020 - 04:43 PM (IST)

शिमला (योगराज शर्मा) : जयराम ठाकुर द्वारा शुक्रवार को प्रदेश का आम बजट प्रस्तुत किया है। बजट के बाद यूं तो मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आम बजट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह ने जहां बजट को निराशाजनक करार दिया है वहीं कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह आम बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए उसे लोगों को गुमराह करने वाला बताया है। 

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार के आम बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्हें नही लगता कि इससे प्रदेश का कोई भला होगा। उन्होंने कहा है कि इस बजट में देश व प्रदेश की आर्थिक मंदी का साफ असर दिख रहा है। बजट में कोई भी ऐसा प्रयास नजर नहीं आ रहा है जिससे प्रदेश में विकास दर बड़े या विकास के कार्य पूरे हो सकें।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट में प्रलोभन तो देने का बहुत प्रयास किया गया है, पर इन्हें कैसे पूरा किया जायेगा, यह बड़ा प्रश्न है। प्रदेश में आय बढ़ाने के कोई भी प्रयास इसमें नही है। किसानों व बागवानों के साथ साथ मध्म वर्ग और कर्मचारियों को भी इस बजट में कोई राहत नही है। बेरोजगारों को रोजगार पर भी कोई सार्थक प्रयास इसमें नजर नही आ रहा है।

उन्होंनेे कहा है कि बेहतर होता अगर इसमें प्रदेश को आर्थिक मंदी से उभरने के कोई सार्थक उपायों की बात कही होती। प्रदेश में औद्योगिक विकास की नीति पर भी कोई बात इस बजट में नही की गई है। उन्हें लगता है कि बजट सोच समझ कर नही, जल्दबाजी में बनाया गया एक दिशाहीन दस्तावेज है।

वहीं कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश के आम बजट को लोगों को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि इसमें प्रदेश के विकास की कोई नई ईबारत पेश होगी पर ऐसा कुछ भी नही निकला। महज आंकड़ो को दर्शाते हुए हवा महल खड़े करने का प्रयास किया गया है। 

उन्होंनेे कहा है कि बजट में युवाओं को घोर उपेक्षा की गई है। प्रदेश में न तो रोजगार की बात की गई है न ही स्वरोजगार की। किसानों व बागवानों को भी कोई राहत या इनकी पैदावार बढ़ाने के लिए कोई प्रोत्साहन ही है। कर्मचारियों की भी इसमें पूरी तरह से अनदेखी की गई है। 

उन्होंने बजट पर घोर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार से विकास की उम्मीद नही की जा सकती, क्योंकि यह सरकार जब अपने खर्चे पूरे करने के लिए कर्ज पर ही चल रही है, ऐसे में बजट में की गई घोषणाएं कैसे पूरी होगी। उन्होंने इस बजट की आलोचना करते हुए इसे पूरी तरह से दिशाहीन करार दिया है।

kirti