स्कूलों में प्रधानाचार्य-मुख्याध्यापकों व शिक्षकों के 2700 से अधिक पद खाली

Sunday, Jul 21, 2019 - 03:07 PM (IST)

शिमला (प्रीति):सरकार के प्रयासों के बाद भी स्कूलों में प्रधानाचार्य-मुख्याध्यापकों व शिक्षकों के लगभग 2700 से अधिक पद खाली चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में इस समय प्रधानाचार्य के 200 से अधिक पद खाली है, जबकि हाई स्कूलों में मुख्याध्यापकों के लगभग 130 पद खाली हैं। ऐसे में इन स्कूलों में प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि यहां वरिष्ठ शिक्षकों को प्रधानाचार्य और मुख्यध्यापकों के पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, बावजूद इसके स्कूलों में स्थाई नियुक्ति न होने से अन्य स्टाफ को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही स्कूलों में पी. जी. टी. के 1100 से अधिक, टी.जी.टी. और डी.पी.ई. के 1500 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहें हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण अन्य शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्यभार है। इन शिक्षकों से खाली चल रहे पदों का कार्य भी लिया जा रहा है। ऐसे में शिक्षक संगठन शिक्षा विभाग से स्कूलों में रिक्त चल रहें पदों को भरने की मांग कर रहें हैं। 

शिक्षकों की कमी के कारण खराब आ रहें रिजल्ट

बोर्ड के खराब रिजल्ट आने का एक कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी है। हाल ही में जिला स्तर पर खराब रिजल्ट पर जो बैठकें हुई थी, इसमें शिक्षकों की कमी का मामला उठाया गया था। इस दौरान सामने आया था कि स्कूलों में साइंस और गणित विषयों के शिक्षकों की खासी कमी है। स्कूल में एक या दो टी. जी. टी. मेडिकल है और वह सभी कक्षाएं ले रहें हैं। ऐसे में शिक्षा में गुणवत्ता सवालों में हैं, जिससे बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट खराब आ रहें हैं। एच.पी. हैडमास्टर कैडर ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विजय गौतम ने सरकार व विभाग से खाली पदों को भरने की मांग की है। उनका कहना है कि साल में दो बार डी.पी.सी. की जानी चाहिए, ताकि इन पदों को पदोन्नति से भरा जा सके।





 

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