कोरोना से जंग लड़ रहे आऊटसोर्स और अनुबंध कर्मियों को रैगुलर के समान मिले वेतन : रणजीत सिंह

Tuesday, Apr 21, 2020 - 05:18 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): पूर्व उद्योग मंत्री रणजीत सिंह वर्मा ने मंगलवार को एक प्रैस बयान जारी करते हुए कहा कि देश इस वक्त महामारी के दौर से गुजर रहा है। इस समय किसी भी तरह की कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए और सबको एक साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कॉलेजों में क्यूआरटी-पीसीआर मशीन को जल्द से जल्द स्थापित किया जाए ताकि प्रदेश के लोगों को टैस्ट की सुविधा नजदीक और जल्दी मिल सके।

उन्होंने कहा कि नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो क्यूआरटी-पीसीआर मशीन राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर को विधायक निधि से स्वीकृत की है उसको जल्द से जल्द बिना किसी राजनीति से स्थापित किया जाए क्योंकि इसमें बेवजह की देरी की जा रही है, जिसका खमियाजा हमीरपुर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

पूर्व मंत्री ने कोरोना से जंग लड़ रहे आऊटसोर्स और कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन मिलना चाहिए, साथ ही 50 लाख के बीमे के अलावा किसी अनहोनी में परिवार पैंशन की घोषणा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो नियमित कर्मचारी हैल्थ डिपार्टमैंट और पुलिस डिपार्टमैंट और दूसरे एसैंशियल सुविधाओं वाले विभाग में इस महामारी से लड़ रहे हैं, उनको मासिक रिस्क अलाऊंस जल्द से जल्द घोषित करना चाहिए।

उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि अगर कोरोना योद्धाओं के साथ किसी तरह कि कोई अनहोनी होती है तो उनके परिवारों को 50 लाख का बीमा दिया जाएगा परंतु अभी वर्तमान में जो कर्मचारी आऊटसोर्सिंग और कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे हैं, उनके मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है, इसलिए इस महामारी के दौरान जो लोग आऊटसोर्स और कॉन्ट्रैक्ट पर लगे हैं, उनको नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतनमान दिया जाना चाहिए और जो नियमित कर्मचारी इसमें लगे हैं उनको मासिक रिस्क अलाऊंस 10 प्रतिशत उनके वेतन का दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द पूरे प्रदेश में एक हैल्थ प्रोफैशनल की एक टैक्रीकल कमेटी बनाकर उसके अनुरूप हर जिला में कार्य करना चाहिए न कि ब्यूरोक्रेट्स के ऊपर निर्भर रहना चाहिए।

Vijay