पुलिस लॉकअप हत्याकांड : ठियोग के पूर्व DSP मनोज जोशी को मिली जमानत

Thursday, Apr 25, 2019 - 05:55 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चर्चित कोटखाई गैंगरेप और मर्डर केस से जुड़े पुलिस लॉकअप हत्याकांड में ठियोग के पूर्व डी.एस.पी. मनोज जोशी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है। हाल ही में पूर्व एस.पी. डी.डब्ल्यू. नेगी को भी स्थायी जमानत मिल गई थी। इसी आदेश के तहत पूर्व डी.एस.पी. को भी उच्च न्यायालय ने जमानत दी है। लॉकअप हत्याकांड मेेंं पूर्व डी.एस.पी. मनोज जोशी की गिरफ्तारी 29 अगस्त, 2017 को हुई थी। हिमाचल हाईकोर्ट ने 19 जुलाई, 2017 को गुड्यिा व सूरज हत्याकांड की जांच सी.बी.आई. को सौंपी थी।

पूर्व आई.जी. की जमानत पर 3 न्यायधीशों की खंडपीठ ने दिया आदेश

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व आई.जी. जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को जमानत दी थी। सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सी.बी.आई. ने कांस्टेबल से आई.जी. स्तर के अधिकारियों पर एक ही तरह की चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर ट्रायल कोर्ट ने भी अक्षरश: चार्जफ्रेम किया था। इस मामले में खास बात यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट में पूर्व आई.जी. की जमानत याचिका पर 3 न्यायधीशों की खंडपीठ ने आदेश जारी किए थे। इसमें खुद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी शामिल थे।

यह था मामला

गत 4 जुलाई 2017 को कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। इसके बाद 6 जुलाई को कोटखाई के जंगल में बिना कपड़ों के पीड़िता की लाश मिली थी। छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। मामले में 6 आरोपी पकड़े गए थे। इनमें राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला गांव, सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल और दीपक (38) पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार शामिल थे। इनमें से सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई की रात को हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि राजू की सूरज से बहस हुई और उसके बाद राजू ने उसकी हत्या कर दी। सीबीआई ने इन दोनों मामलों में केस दर्ज किया है।

Vijay