फूड इंस्पैक्टरों के पास नहीं अधिकार, त्यौहार सीजन में कीमतों पर कौन रखेगा नजर

Thursday, Oct 03, 2019 - 12:03 PM (IST)

शिमला (राजेश कौंडल): नवरात्रों के साथ त्यौहारी सीजन शुरू हो गया है, लेकिन इस बार के त्यौहार सीजन में खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर कौन नजर रखेगा। सरकार ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के कीमतों पर नजर रखने और जांच करने के कंट्रोल सहित अन्य कंट्रोल को फिलहाल के लिए स्थगित किया है। ऐसे में प्रदेश के किसी भी जिले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, फूड इंस्पैक्टर व अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर नजर नहीं रख रहे हैं। 

इससे पहले विभागीय अधिकारियों व फूड इंस्पैक्टर व जिला खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षकों के पास ये अधिकार थे। ऐसे में इस बार प्रदेश के बाजारों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों की जांच बाजार वालों व दुकानदारों के हवाले है। वे जितने मर्जी दाम उपभोक्ताओं से वसूल सकते हैं। जानकारी के अनुसार पिछले 2 माह खाद्य आपूर्ति विभाग ने बाजारों का कोई निरीक्षण नहीं किया है और न ही खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर कोई जांच की है। नतीजतन राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य जिलों के बाजारों में दुकानदारों की खाद्य वस्तुओं के अलग-अलग दाम हैं। 

सब्जियों व अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मिल रहा अंतर

राजधानी शिमला में प्याज की कीमत 70 रुपए प्रतिकिलो पहुंच चुकी है। इससे आम आदमी की रसोई का बजट पूरी तरह से चरमरा गया है। मगर मंडियों में कितना प्याज आ रहा है और गोदामों में स्टोरेज कितनी है, इसकी जांच तक नहीं की जा रही है। वहीं सब्जी मंडियों से बाहर और उपनगरों में इनकी कीमतें तो 10 से 20 रुपए ज्यादा हैं, जबकि दामों में इतना अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। वहीं सब्जियों के दामों में अंतर देखने को मिल रहा है। यही नहीं, त्यौहार में मिठाइयों के दाम में भी एक दुकान से दूसरी दुकान में अंतर है और कहीं-कहीं तो रेट लिस्ट भी नहीं है।

Ekta