इतिहास में पहली बार गर्मियों के मौसम में सरकारी जंगलों में नहीं लगी आग, घटनाएं शून्य

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 12:08 PM (IST)

ऊना, मनोहर : जिला के इतिहास में पहली बार इन गर्मियों में सरकारी जंगलों में आग की घटनाएं शून्य रही हैं अन्यथा हर वर्ष आग से जंगल धधकते रहते थे। कोरोना काल व लॉकडाऊन सरकारी जंगलों के लिए वरदान साबित हुआ है। कोरोना कॉल के दौरान गर्मियों में लोग अपने-अपने घरों में रहे और कोई भी वाहन नहीं निकला। लॉकडाऊन के दौरान कर्फ्यू ढील में वाहनों के चलने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ था। इसका परिणाम यह हुआ कि पर्यावरण प्रदूषण तो कम हुआ ही गर्मियों में इस बार जंगल भी आग से सुरक्षित रहे। कोरोना व लॉकडाऊन से प्रकृति को काफी लाभ हुआ और पर्यावरण भी स्वच्छ हुआ। इसका सबसे अधिक लाभ सरकारी जंगलों को हुआ है और इस बार सरकारी जंगलों में आग की कोई भी घटना घटित नहीं हुई है। 

जिला में यदि पिछले 6 वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार आग की घटनाएं शून्य रही हैं। जिला ऊना में वर्ष 2015 से 2020 तक कुल 349 आग की घटनाएं हुई। आग से 6 वर्षों में 4233 हैक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ा था। वहीं आग की इन घटनाओं में करीब साढ़े 45 लाख रुपए का नुकसान हुआ। वर्ष 2015-16 में 41 आग की घटनाएं हुई थी जिनमें 801.45 हैक्टेयर सरकारी जंगल आग की भेंट चढ़ा और इसमें 7.38 लाख का नुकसान हुआ। वहीं वर्ष 2016-17 में सरकारी जंगलों में 80 आग की घटनाएं घटित हुई और 1577.06 हैक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ा। इससे 13.05 लाख का वन महकमे को नुकसान हुआ था। वहीं वर्ष 2017-18 में जिला में 68 आग की घटनाएं हुई जिसमें 569.80 हैक्टेयर जंगल जल गया तो 5.66 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इसी तरह वर्ष 2018-19 में 146 आग की घटनाएं हुई जिसमें 1222.64 हैक्टेयर जंगल जलकर राख हुआ तो वहीं वर्ष 2019-20 में 14 आग की घटनाएं हुई जिसमें 62.25 हैक्टेयर जंगल जलकर राख हुआ तो इससे 0.44 लाख का नुकसान हुआ। 

पिछले 6 वर्षों में जिला में आग की सबसे अधिक घटनाएं वर्ष 2018-19 में 146 हुई जिसमें 1222.64 हैक्टेयर वन क्षेत्र में अधिक 18.97 लाख का नुकसान हुआ था। वहीं वर्ष 2016-17 में आग की घटनाएं तो 80 हुई लेकिन आग से सबसे अधिक हैक्टेयर जंगल 1577.06 हैक्टेयर प्रभावित हुआ था। जिला के 5 वन परिक्षेत्रों ऊना, रामगढ़, बंगाणा, अम्ब तथा भरवाईं में विभाजित है। विभाग द्वारा आग की घटनाओं से निपटने के लिए परिक्षेत्र स्तर पर अग्निशमन बल का गठन किया जाता है। इसका नेतृत्व संबंधित रेंज अधिकारी द्वारा किया जाता है। विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में वन क्षेत्रों में आग की घटनाओं से निपटने के लिए पानी के टैंकर युक्त वाहन नियुक्त करने का प्रावधान भी किया गया जो वन क्षेत्रों में आगजनी की घटना की सूचना मिलने पर उससे निपटने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2019-20 में अप्रत्याशित रूप से पिछले वर्षों में तुलना में आग के मात्र 14 मामले दर्ज किए गए और 0.44 लाख का नुकसान हुआ था।
 


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Edited By

prashant sharma

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