कुल्लू में पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर होगा ड्राइविंग टैस्ट
punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 04:26 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप) : जिला कुल्लू के प्रशासन ने ड्राइविंग टैस्ट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। कोरोना महामारी के बढ़ते मामले को देखते हुए, पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर ड्राइविंग टैस्ट लिया जा रहा है। जिससे की कार्यालय में भीड़ न हो और सामाजिक दूरी की अवेहलना न हो, जिसे देखते हुए टोकन देने की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए समाप्त कर दिया गया है। कुल्लू जिले में 6 माह बाद ड्राइविंग के लिए टैस्ट प्रक्रिया शुरू की गई है। ड्राइविंग टैस्ट की प्रक्रिया शुरू होने के बाद एसडीएम कार्यालय कुल्लू में टोकन लेने के लिए 200 से अधिक चालक पहुंचे और कार्यालय के बाहर सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ी गई।
इस दौरान कई लोगों बिना मास्क के दिखे. बाद में 150 लोगों को टोकन जारी किए गए और बाकी पंक्ति में लगे सभी लोगों को वापस लौटा गए। इसको लेकर लोगों में रोष दिखाई दिया। ऐसे में सभी लोग एडीएम से अपनी समस्या को देखते हुए मिले। वहीं राजू, खेम चंद, रविंद्र पाल, विजय पॉल, भीम सिंह ने बताया कि उन्हें इतनी दूर से एसडीएम कार्यालय पहुंचने में काफी वक्त लग गया। जब वे एसडीएम कार्यालय के बाहर पहुंचे तो यहां लंबी कतार लगी हुई थी। उसकी 6 महीने की निर्धारित अवधि भी समाप्त हो गई है और यह उनके ड्राइविंग टैस्ट की अंतिम तिथि थी लेकिन टोकन न मिलने के चलते अब उन्हें फिर से लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ेगा। इसके लिए फिर से 1500, 2000 से अधिक खर्च वहन करना होता हैं। वहीं उन्होने कहा कि एसडीएम कहा कि जिस दिन टेस्ट होगें उसी दिन ही चालकों के टेस्ट होगें अब कार्यालय के बाहर लाईन में नहीं बैठना पडे़गा।
वहीं एसडीएम अमित गुलेरिया ने बताया कि जिला कुल्लू में पंचायतों का बहुत बड़ा दायरा है, जिसमें लगभग 140 के करीब पंचायतें आती है। उन्होंने कहा कि 4, 5 महिने में लॉकडाउन के कारण कोई भी कार्य नहीं हुआ है। इस कारण से लाइसेंस और वाहनों का काम बढ़ चुका है लेकिन इसको समयबद्ध और बड़े चरणबद्ध तरीके से निकालने के लिए नीति बनाई है। उन्होंने कहा कि चार से पांच हजार के करीब लर्निंग लाइसेंस पड़े हुए हैं, जिनके की परमानेंट लाइसेंस बनने हैं और उनका ट्राइल होना है। इसके लिए प्रत्येक सप्तार्ह कुल्लू आरटीओ की सहायता से प्रत्येक सप्ताह टेस्ट लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 1 दिन में 250 के करीब लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जो टोकन की व्यवस्था थी जो कि 1 दिन पहले टोकन देते थे जोकि 150 या 200 लोगों को दिए जाते थे और उन्हीं लोगों का ही टैस्ट लिया जाता था। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा रश हाेने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी धज्जियां उड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों का समय भी खराब न हो, उसको देखते हुए यह निर्णय लिया है कि अब जिस दिन ट्रायल होगा उसी दिन चालक सुबह आकर ट्रायल दे सकता है। पहले आओ पहले पाओं की तर्ज पर चालकों को फ्री किया जाएगा। उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं है।