पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट मामला : शैड में पड़े शवाें से निकलता रहा धुआं, खौफनाक मंजर देखकर हर कोई सहमा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 23, 2022 - 05:23 PM (IST)

ऊना (सुरेंद्र/विशाल): ऊना जिला के बाथू में अवैध पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट के बाद मौके पर कई दिल दहला देने वाले वाकया सामने आए। ब्लास्ट से पटाखे काफी दूर तक बिखर गए और कामगार बुरी तरह से जल गए। हालात ऐसे थे कि काफी देर तक लाशें आग से झुलसती रहीं। शैड में पड़े शवों से काफी देर तक धुआं निकलता रहा और इस मंजर के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए। आसपास के लोगों ने मिलकर घायल लोगों की मदद शुरू की। लोग चीखते-चिल्लाते और रोते हुए अपनों को ढूंढने के लिए दौड़ पड़े। मौके पर भारी भीड़ जुट गई। हर कोई खौफनाक मंजर देखकर सहमा हुआ था।
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

11वीं का पेपर देकर निकला बाहर तो बदहवास होकर दौड़ा फैक्टरी

पंजाब के भंगला निवासी जतिंद्र अपने स्कूल में 11वीं कक्षा का पेपर देकर निकला ही था कि उसको बाथू में हुए ब्लास्ट के बारे में किसी ने सूचना दी। वह किसी दोस्त के साथ बाइक पर फैक्टरी की तरफ रोता हुआ निकला। दरअसल जतिंद्र की मां सुनीता देवी इस फैक्टरी में काम कर रही थी और रोज की तरह वह फैक्टरी गई थी। बदहवास जतिंद्र घटनास्थल पर पहुंचा तो वहां उसने लाशों को जांचा लेकिन उनमें उसको अपनी मां नहीं मिली। बाद में उसकी शिनाख्त मृतकों में ही हुई।
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

मां को कान की बाली और बहन को कंगन से पहचाना

संतोषगढ़ निवासी अनवर हुसैन पर भी ब्लास्ट का कहर टूटा है। अनवर ने इस ब्लास्ट में अपनी पत्नी अख्तियारी (50) और बेटी अलमता (18) को खो दिया है। संतोषगढ़ में सब्जी का काम करने वाले अपने बेटे के साथ अनवर ब्लास्ट की सूचना मिलने के बाद फैक्टरी पहुंचा। यहां अनवर के बेटे ने अपनी मृतक मां की पहचान कान की बाली व बहन की पहचान हाथ में पहने कंगन से की। शव के पास बैठे पिता-पुत्र विलाप करते रहे। अनवर की यह 7वीं बेटी थी जबकि 6 की उसने शादी कर दी थी और कुछ समय में वह अपनी बेटी अलमता की भी शादी करने वाले थे। 
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

मजबूरी : अपनी शादी के लिए रुपए जोड़ने को करने लगी थी काम

संतोषगढ़ की फरहा की कुछ माह बाद शादी होने वाली है। परिवार की मदद हो जाए और शादी के लिए कुछ रुपए जुड़ जाएं इसके लिए वह बाकी महिला कामगारों के साथ एक माह पहले ही इस फैक्टरी में जाने लगी। रोज की तरह फरहा काम पर आई और पटाखे बनाने में जुट गई। एकदम धमाका हुआ और उसने स्वयं को घायल पाया। बकौल फरहा धमाके के दौरान फैक्टरी के मालिक मौके पर मौजूद थे और एक तरफ बैठे हुए थे।
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

एक पेटी पटाखा तैयार करने के मिलते 100 रुपए

अवैध फैक्टरी में काम करने वाली एक महिला ने बताया कि फैक्टरी में लगभग 35 लोग काम करते हैं तथा जहां काम ठेके पर ही करवाया जाता है। महिला ने बताया कि एक पेटी पटाखा तैयार करने के लिए 100 रुपए मिलते हैं। रोज की तरह मंगलवार को भी हम काम कर रहे थे कि अचानक 11 बजे के करीब पटाखे तैयार करने वाले मसाले में आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। 
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

टंगे रह गए पर्स और कपड़े

फैक्टरी में धमाके के बाद सब तरफ अफरा-तफरी मच गई। कामगार महिलाओं के लेडीज पर्स एक शैड में एक तरफ टंगे ही रह गए। जो अपनों को ढूंढने आया वह उन बैगों को भी परखता गया कि उनके अपनों के बैग यहां है या नहीं। कामगारों के गर्म कपड़े भी यहीं टंगे रह गए। क्यास लगाए जा रहे हैं कि स्वैटर खोलकर कर्मी यहां पटाखों का काम कर रहे थे। सामान बिखरा पड़ा रहा। 
PunjabKesari, Firecracker Factory Blast Case Image

मानवता : 7 झुलसी महिलाओं को अपनी गाड़ी में लेकर अस्पताल पहुंचा युवक 

 मंगलवार को हुए हादसे के चश्मदीद बाथड़ी के अनुज कुमार के मुताबिक सुबह सवा 11 बजे जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तब वहां केवल एक फायरब्रिगेड की गाड़ी विस्फोट के बाद आग को बुझा रही थी। इसके अतिरिक्त कोई व्यवस्था वहां पर मौजूद नहीं थी। मीडिया कर्मी के तौर पर अनुज कुमार वहां गए थे और जब पाया कि विस्फोट में बुरी तरह से झुलसी महिला कामगार चीखो-पुकार कर रही थीं तो 7 गंभीर रूप से झुलसी महिलाओं को अपनी गाड़ी में लेकर वह ऊना अस्पताल के लिए रवाना हुए। 

व्यवस्था पर सवाल : न पंजीकरण न रिकाॅर्ड

यहां काम करने वाली महिलाएं अपनी साथी महिलाओं को काम के लिए लाती थी। न तो किसी प्रकार का कोई पंजीकरण होता था और न ही कोई रिकाॅर्ड रखा जाता था। एक बार गेट के भीतर जाने के बाद गेट बंद कर दिया जाता था। अधिकतर कामगार इस बात की जानकारी नहीं रखते थे कि यह उद्योग वैध है या अवैध। राजस्व विभाग के रिकाॅर्ड में यह प्लॉट इंडस्ट्रीयल एरिया में नोवा टैक्स कंपनी के नाम से दर्ज मिला, वहीं उद्योग विभाग के रिकॉर्ड में ऐसी कोई फैक्टरी दर्ज नहीं मिली। उद्योग विभाग के रिकाॅर्ड के अनुसार विस्फोट स्थल औद्योगिक क्षेत्र में नहीं बल्कि निजी भूमि पर बना है। 

धर्मकांटे बनाने की जगह कब पटाखा फैक्टरी बनी, किसी को कोई जानकारी नहीं

लोग बताते हैं कि इस शैडनुमा उद्योग का गेट आमतौर पर बंद रहता था। स्थानीय लोगों के मुताबिक किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं होती थी व किसी को भी जानकारी नहीं थी कि यहां विस्फोटक पदार्थ रखा जाता है और पटाखे बनाए जाते हैं। इस बात की किसी को जानकारी नहीं थी कि यहां पटाखा फैक्टरी चलती है। पहले कभी यहां धर्मकांटे बनाने का कार्य होता था। कब इस शैड को पटाखों के रूप में तबदील कर दिया गया, इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। 

न बिजली और न पानी का कनैक्शन

उद्योग में न तो विद्युत का कोई कनैक्शन था और न ही पानी की व्यवस्था थी। केवल एक टैंकर पानी जरूर वहां खड़ा किया गया था। नियमित रूप से पानी का कनैक्शन भी नहीं लिया गया था। चारों तरफ विस्फोटक सामग्री से भरे हुए डिब्बे, बोरियां, बॉक्स एवं पटाखे मौजूद थे। 

पहले भी हुई थी आग की घटना

एक मृतक कामगार महिला के बेटे ने बताया कि एक बार पहले भी यहां आग की घटना हुई थी लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। उनके परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यहां काम करना इतना खतरनाक हो सकता है। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News