एक्शन में विजिलैंस, कम्प्यूटर ऑप्रेटर व जूनियर ऑडिटर की भर्ती का पेपर लीक होने पर अलग से FIR दर्ज

Wednesday, Dec 28, 2022 - 10:13 PM (IST)

शिमला (रमेश सिंगटा): कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित होने वाली कम्प्यूटर ऑप्रेटर, जूनियर ऑडिटर्ज की भर्ती पर सरकार और विजिलैंस ब्यूरो और सख्त हो गया है। सरकार ने दोनों भर्तियों के पेपर परीक्षा होने से पहले ही लीक कर देने का कड़ा संज्ञान लिया है। अब विजिलैंस ने इस पर अलग से एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर जांच एजैंसी के हमीरपुर थाने में हुई है। अभी तक कुल दर्ज एफआईआर की संख्या बढ़कर 2 हो गई है। पंजाब केसरी ने परीक्षा से पहले पेपर लीक होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इनमें से कम्प्यूटर ऑप्रेटर की परीक्षा 1 जनवरी को होनी थी जबकि जूनियर ऑप्रेटर की परीक्षा इसके बाद ली जानी थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद आगे की जांच एसआईटी करेगी। 

परीक्षाओं के संचालन में गड़बड़ियों को लेकर लगातार आ रहीं शिकायतें 
उधर, विजिलैंस के पास कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के संचालन में गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। कई नई शिकायतें आई हैं। अधिकांश शिकायत उन अभ्यर्थियों ने की, जो परीक्षा में उतीर्ण नहीं हुए अथवा भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए थे। इन शिकायतों की सत्यतता जांची जाएगी। यह भी जांचा जाएगा कि शिकायतकर्ता सही भी है या नहीं। अगर शिकायतें प्रारंभिक जांच में सही पाई गईं तो इनके आधार पर आगे की कार्रवाई भी होगी। वैसे जब से आयोग में जेओए आईटी भर्ती मामला उजागर हुआ है, तब से युवाओं का विजीलैंस पर भरोसा और बढ़ गया है।

टीम ने आयोग के भर्ती नियमों को जांचा
विजीलैंस की एसआईटी ने बुधवार को आयोग में भर्ती से जुड़े नियमों, अधिनियमों को जांचा। नियमों को बारीकी से समझा और इनके पालन में क्या-क्या खामियां बरती गईं, इसकी भी जांच हुई। दिन भर कागजों, फाइलों को खंगाला गया। एक-एक पन्ने को स्टडी किया गया। 

एडीजीपी ने खुद संभाला है मोर्चा
जांच टीम बेशक डीआईजी जी. शिवाकुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है लेकिन विजीलैंस प्रमुख एडीजीपी सतवंत अटवाल खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। वह 2 दिनों से हमीरपुर में डटी हुई हैं। हर कदम पर टीमों को दिशा-निर्देश दे रही हैं। उन्होंने भर्ती मामले में जांच टीम को वैज्ञानिक आधार पर और पुख्ता साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए हैं।

आयोग के सचिव से होगी पूछताछ
भर्ती मामले में परीक्षा पेपर जिस लॉकर में रखे जाते थे, उसकी चाबी आयोग के सचिव के पास होती थी। चाबी के बगैर पेपर कैसे लीक हो गया, इसकी जांच के लिए डाॅ. जितेंद्र कंवर से पूछताछ होगी। पूछताछ के बाद ही चाबी का राज पता चलेगा। इस बारे में मुख्य आरोपित महिला अपने बयान दर्ज करवा चुकी है। अभी उससे और पूछताछ होगी। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
 

Content Writer

Vijay