पिता लकवे का शिकार, बेटा बिस्तर पर लाचार

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 10:46 PM (IST)

गगरेट (दीपक): जिला ऊना के गगरेट क्षेत्र के तहत गांव संघनई के एक परिवार की हालत क्या है शायद इसका अंदाजा कोई लगा भी नहीं सकता है। पिता लकवे का शिकार तो बेटा पेड़ से गिरकर बिस्तर पर अपाहिज हो चुका है। घर में अकेली महिला जो पति और बेटे की सेवा में जुटी हुई है। जब कोई भी व्यक्ति इस परिवार की हालत देखता है तो आंखों में आंसू आ जाते हैं। पूरी तरह से लाचार यह परिवार एक ऐसे मसीहा के इंतजार में है जो उनकी मदद करे। हालात यह है कि बिस्तर पर पड़े 35 वर्षीय विनोद कुमार की पीठ पर एक गहरा जख्म बन गया है। घाव इतने गहरे हैं कि उनमें दवाई लगानी भी अब मुश्किल हो चुकी है। बैडसोल का शिकार हो चुका 35 वर्षीय विनोद के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। केवल मां ही है जो थोड़ी दवा करती है।

मां-बाप का इकलौता बेटा और 3 बहनों का भाई है विनोद कुमार

मां-बाप का इकलौता बेटा, 3 बहनों का भाई विनोद कुमार पेड़ से गिर जाने के कारण चलने-फिरने में असमर्थ है और पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पा रहा है। ग्राम पंचायत और कुछ स्वयंसेवियों ने अपने स्तर पर विनोद की कुछ मदद भी की और पंजाब के एक प्राइवेट अस्पताल में उसका उपचार भी करवाया लेकिन पैसे के अभाव में इलाज बीच में ही छूट गया।

2 महीने से नहीं बदली थी यूरिन पाइप

विनोद की हालत का इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विनोद को यूरिन पास के लिए लगाई गई पाइप पिछले 2 महीनों से बदली ही नहीं गई जबकि इस पाइप को 15 दिन में बदलना अति आवश्यक होता है। डॉक्टर द्वारा बड़ी मुश्किल से विनोद की पुरानी पाइप बदल कर नई पाइप लगाई गई।

नाजुक बनी है हालत

विनोद के जख्म की ड्रैसिंग करने आए डॉ. अर्जुन सिंह बताया ने बताया कि उसकी हालत इतनी नाजुक है कि अगर उसका उपचार शीघ्र न करवाया गया तो उसका बच पाना बहुत ही मुश्किल है।

पैसों के अभाव में बीच में छोडऩा पड़ा उपचार

विनोद की वृद्ध मां ऊषा देवी ने रुंधे गले से कहा कि उसका बेटा कोटखाई में लोहे का काम करता था और सारे परिवार का पालन-पोषण करता था। 2 वर्ष पहले विनोद अचानक एक पेड़ से नीचे गिर गया और उसकी कमर के नीचे के हिस्से पर काफी चोट आई। उन्होंने उसका इलाज स्थानीय अस्पताल एवं टांडा मेडिकल कॉलेज में भी करवाया लेकिन वहां भी उन्हें किसी ने नहीं पूछा। उन्होंने बताया कि विनोद को बचपन में दौरा भी पड़ा था और पीजीआई चंडीगढ़ में उसका ऑप्रेशन भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि कुछ समाजसेवी लोगों की सहायता से जब होशियारपुर (पंजाब) के एक अस्पताल में विनोद का इलाज चल रहा था उस समय वह लगभग खड़ा होने लग पड़ा था लेकिन उनके पास और पैसे न होने की वजह से उक्त अस्पताल ने विनोद का इलाज बीच में ही छोड़ दिया और उसे घर भेज दिया।

सरकारी खर्च से हो उपचार

उधर, ग्राम पंचायत सघनई के प्रधान संदीप शर्मा ने बताया कि इस परिवार की आॢथक स्थिति बहुत ही दयनीय है। इनका नाम बीपीएल सूची में भी है और वह अपने स्तर पर भी इस परिवार की आॢथक मदद कर रहा है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि विनोद कुमार का इलाज सरकारी खर्च पर करवाया जाए।

बेटे को एकटक देखते रहते हैं पिता

विनोद के वृद्ध पिता गुरपाल सिंह जो खुद भी बीमारी की वजह से चल-फिर नहीं सकते और न ही सुन सकते हैं, बस हर वक्त बेटे को एकटक देखते रहते हैं। वह मन ही मन शायद यह सोचते होंगे कि कब वह ठीक होकर मां-बाप की सेवा करेगा।

बाबा राकेश शाह ने दिया इलाज का आश्वासन

विनोद का इलाज करवाने और उसके घर की देखभाल का आश्वासन दरबार हरि शाह अम्बोआ के गद्दीनशीन बाबा राकेश शाह ने दिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें सत्या हिमायत संस्था के सदस्यों से विनोद की व्यथा का पता चला और अब उन्होंने इस संस्था और क्षेत्र के लोगों के सहयोग से विनोद का इलाज करवाने का आश्वासन दिया है। इस परिवार की मदद के लिए वह दरबार के भक्तों के साथ-साथ समाजसेवियों से भी आग्रह करेंगे।


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Vijay

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