फॉल आर्मी वर्म ने बर्बाद की मक्की की फसल, हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसल पर मंडराया खतरा

punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 03:10 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : कृषि बाहुल जिला ऊना खरीफ फसलों पर एक बार फिर फॉल आर्मी वर्म नामक कीट का खतरा गहराता जा रहा है। हालत यह है कि यह कीट एक के बाद एक कई खेतों को अपनी चपेट में लेते हुए हजारों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी मक्की की फसल के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। जिसके चलते कृषि कारोबार में जुटे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जिला भर के तमाम कृषि विशेषज्ञ दफ्तर छोड़ किसानों के साथ खेतों में डटे हुए हैं।

अधिकतर किसानों के लिए यह समस्या इसलिए भी गंभीर हो चुकी है क्योंकि अब मक्की की फसल काफी बड़ी हो चुकी है और ऐसी परिस्थिति में फसल पर कीटनाशक का स्प्रे करना भी किसानों के लिए खतरे से खाली नहीं है। जिसके चलते किसानों को लगातार दूसरे साल तक की फसल में व्यापक नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। वहीं कृषि अधिकारियों का दावा है कि वे इस कीट पर काबू पाने के लिए खेतों में जुटे हैं। जिन फसलों को अभी इस से बचाया जा सकता है उनके लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। 

जिला भर में मक्की की फसलों पर एक बार फिर फाल आर्मी वर्म नामक कीट भारी खतरा बनकर मंडरा गया है। हालत यह है कि जिला में इस बार हजारों एकड़ भूमि पर मक्की की फसलें खड़ी है। वहीं दूसरी तरफ फसलें अब बड़ी भी हो चुकी हैं। ऐसे में जहां लगातार इस कीट का खतरा फसलों पर बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बड़ी हो चुकी फसलों पर कीटनाशकों का स्प्रे करना भी अब खतरे से खाली नहीं माना जा रहा। पिछले वर्ष भी जिला भर में फॉल आर्मीवर्म नामक इस कीट ने जमकर कहर बरपाया था। जबकि इस बार खेतों से आ रही तस्वीरें पिछले साल की तुलना में ज्यादा भयावह मानी जा रही है। 

फसलों पर इस कीट के हमले ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। हालांकि बारिश हो इस कीट के खात्मे के लिए सबसे उपयोगी माना जाता है। लेकिन इस बार बारिश भी फसलों पर मंडरा रहे इस खतरे को कम करने में उपयोगी साबित नहीं हो पा रही। किसानों ने प्रदेश सरकार से उनकी सुध लेने की मांग की है। संकट की घड़ी में किसान लगातार सरकार की तरफ मदद की आस में टकटकी लगाए देख रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी डॉ. संतोष कुमारी का कहना है कि मक्की फसलों पर फॉल आर्मीवर्म नामक कीट ने हमला किया है और इसपर काबू करने के लिए तमाम कृषि विशेषज्ञ दफ्तर छोड़ किसानों के साथ खेतों में जुटे हैं। हालांकि अभी तक काफी नुकसान इस कीट के कारण फसलों को हो चुका है। जिस के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भी भेजी गई है।
 


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Content Writer

prashant sharma

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