मैडीकल कॉलेज में चरमराई लैब व्यवस्था ,निजी लैब में लुट रहे लोग

Wednesday, Oct 16, 2019 - 11:46 AM (IST)

नेरचौक (हरीश): लाल बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज अस्पताल पिछले 1 वर्ष से सेवाएं दे रहा है लेकिन अस्पताल में लैब की व्यवस्था अभी भी चरमराई हुई है। अस्पताल की लैब में अभी तक थायराइड जैसे माइनर टैस्ट करने तक की सुविधा भी नहीं है तथा अस्पताल की लैब में मंडी अस्पताल से उधार में लाए हुए ब्लड एनालाइजर से ही काम चलाया रहा है। हालांकि एस.आर.एल. के माध्यम लैबोकलैक्शन सैंटर अस्पताल में खोला गया है लेकिन उसकी रिपोर्ट भी 3 से 4 दिनों के बाद मरीजों को प्राप्त हो रही है जिससे मरीज परेशान हैं।

अस्पताल में नहीं 24 घंटे लैब सुविधा 

अस्पताल प्रबंधन मरीजों को लैब की सुविधा 24 घंटे भी नहीं दे पा रहा है तथा अस्पताल में लैब का संचालन सिर्फ  6 से 8 घंटे ही किया जा रहा है। आपातकाल में सेवाएं प्राप्त करने वाले मरीजों को निजी लैब में टैस्ट करवाकर आॢथक नुक्सान झेलना पड़ रहा है जबकि अस्पताल में लगभग 50 से 60 लैबोरेटरी टैक्नीशियन व फैकल्टी तैनात हैं। निजी लैबों के दलाल दिनभर अस्पताल में मंडराते नजर आते हैं और लोगों के अपनी लैब में टैस्ट करवाकर खूब चांदी कूट रहे हैं। सूत्रों से तो यह भी ज्ञात हुआ है कि अल्ट्रासाऊंड के मंडी जिला की निजी लैबोरेटरीज 1,100 से 1,500 रुपए वसूल रही हैं जबकि अल्ट्रासाऊंड के सोलन, ऊना व हमीरपुर जिला में 350 से 600 रुपए रेट हैं।  

अल्ट्रासाऊंड की 3 मशीनें फिर भी डाली जा रही डेट 

अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड की 3 मशीनें स्थापित की गई हैं, बावजूद इसके मरीजों को 15 दिन से 1 महीने बाद की डेट अल्ट्रासाऊंड करवाने की दी जा रही है। अल्ट्रासाऊंड की डेट देरी से मिलने के कारण भी मजबूरन अधिकतर मरीजों को निजी लैब में अल्ट्रासाऊंड करवाने पड़ रहे हैं।

 नेरचौक के बहादुर शास्त्री मैडीकल कॉलेज के डा. रजनीश पठानिया ने कहा कि लैब में मशीनरी स्थापित करने के लिए प्रक्रिया जारी है। ब्लड एनालाइजर की खरीद कर ली गई है जिसे शीघ्र ही लैब में स्थापित कर दिया जाएगा। सी.टी. स्कैन और एम.आर.आई. मशीन भी आने वाले समय में अस्पताल में लगाई जाएगी। मशीनों की खरीद प्रक्रिया की औपचारिकताएं अधिक होने के कारण समय लग रहा है।

डा. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अस्पताल में लैब को स्थापित करने के प्रयास जारी हैं। उच्चाधिकारियों को समस्या बारे अवगत करवा दिया गया है। एस.आर.एल. प्रदेशभर के अस्पतालों में कार्य कर रही है। नेरचौक अस्पताल में एस.आर.एल. का अभी कलैक्शन सैंटर ही खुला है जिस कारण लोगों को रिपोर्ट देरी से मिल रही है। आने वाले समय में जिस भी कंपनी को सरकार अधिकृत करेगी उस कंपनी से अस्पताल में अपनी लैब स्थापित करने की मांग की जाएगी।

Edited By

Simpy Khanna